इस साल अपनी सरजमीं पर लगातार अच्छा खेल रही भारतीय टीम न्यूजीलैंड के खिलाफ बुधवार को दूसरे एक दिवसीय क्रिकेट मैच में उतरेगी, तो सभी की नजरें शानदार फार्म में चल रहे युवा बल्लेबाज विराट कोहली पर लगी होंगी.
सितारा खिलाड़ियों की गैर मौजूदगी में दिल्ली के इस युवा बल्लेबाज ने गुवाहाटी में पहले मैच में शतक जमाकर अपनी उपयोगिता बखूबी साबित कर दी है. महेंद्र सिंह धोनी, सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग, जहीर खान और हरभजन सिंह की गैर मौजूदगी में कोहली ने बेहतरीन बल्लेबाजी करके भारत को 40 रन से जीत दिलाई. इससे पहले रणजी ट्राफी में वह लगातार दो सैकड़े जड़ चुके हैं. सवाई मानसिंह स्टेडियम पर उनका लक्ष्य इस फॉर्म को बरकरार रखने का होगा.
इस मैदान पर भारत ने दस में से छह मैच जीते हैं. आखिरी मैच फरवरी में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेला गया था जो भारत ने एक रन से जीता. भारत ने 2010 में अपनी धरती पर एक ही मैच गंवाया है जो दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 27 फरवरी को खेला गया था. भारत ने दक्षिण अफ्रीका को 2-1 से हराया और आस्ट्रेलिया से श्रृंखला 1-0 से जीती.
दूसरे मैच में भी न्यूजीलैंड के नियमित कप्तान डेनियल विटोरी और ब्रेंडन मैकुलम का खेलना संदिग्ध है जिससे भारत को फायदा मिल सकता है. विटोरी की पीठ में सूजन है, जबकि मैकुलम भी अनफिट हैं. पहले मैच में युवराज सिंह के बल्ले से रन निकलते देखकर भी भारतीय खेमे ने राहत महसूस की होगी. बीसीसीआई द्वारा हाल ही में अनुबंधित खिलाड़ियों की सूची में बी श्रेणी में धकेले गए युवराज ने आक्रामक पारी नहीं खेली लेकिन 42 उपयोगी रन बनाये.
विश्व कप से पहले आखिरी घरेलू श्रृंखला में कार्यवाहक कप्तान गौतम गंभीर भी बड़ी पारी खेलने को बेताब हैं. पावरप्ले और डैथ ओवरों में रनगति बनाये रखने पर भारत को मेहनत करनी होगी. भारत ने पहले मैच में आखिरी छह विकेट 26 रन के भीतर गंवाये.
जहां तक गेंदबाजी का सवाल है तो पहले मैच की ही तरह भारत स्पिनरों पर निर्भर होगा. आर अश्विन ने बीच के ओवरों में काफी किफायती गेंदबाजी की और तीन अहम विकेट भी लिये. एस श्रीसंत ने भी तीन विकेट लिये लेकिन अश्विन और युवराज का गेंद से योगदान उतना ही महत्वपूर्ण रहा.
इस मैच में ओस भी अहम भूमिका निभा सकती है, लिहाजा टॉस जीतने वाली टीम पहले क्षेत्ररक्षण चुनना पसंद करेगी, क्योंकि बाद में गेंद पर पकड़ बनाना मुश्किल हो जायेगा.