उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के डौंडिया खेड़ा गांव में खजाने की तलाश में खुदाई का आज दूसरा दिन है. पहले दिन खुदाई 6 घंटे चली और इसमें सिर्फ 2.5 से 4 इंच तक जमीन ही खोदी जा सकी.
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पुरातत्व विभाग खुदाई की एक निश्चित प्रक्रिया अपनाता है इसलिए एक साथ ज्यादा खुदाई नहीं की जा सकती. पुरातत्व विभाग के मुताबिक, खुदाई पूरी होने में एक महीना भी लग सकता है.
खोमचे वालों पर लगी पाबंदी
खुदाई स्थल पर पहले दिन लोगों का लगा जमावड़ा लगा रहा. इसे
देखते हुए अब प्रशासन ने सुरक्षा के इंतजाम दोगुने कर दिए हैं.
पीएसी की 1.5 कंपनी से बढ़ाकर अब 3 कंपनियां तैनात कर दी
गई हैं. यहां जो मेले जैसा माहौल था, वह भी अब नहीं रहेगा.
प्रशासन ने खोमचे और ठेले वालों पर पाबंदी लगा दी है.
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डौंडिया खेड़ा किले में अब 6 एसओ और 100 जवानों की तैनाती हो चुकी है. एक CO की ड्यूटी भी लगी है. रात में खुदाई स्थल की निगरानी के लिए आज से नाइट विजन कैमरा भी लगा दिया गया है.
कुएं की सुरंगें खजाने तक जाती हैं: साधु के शिष्य
वहीं 1000 टन सोने के खजाने का सपना देखने वाले साधु शोभन
सरकार ने फिर दावा किया है कि सरकार चाहे तो 24 घंटे में सोना
निकाल सकती है. शोभन सरकार के शिष्यों ने दावा किया है कि
खजाने की तलाश में खुदाई की जरूरत नहीं है क्योंकि किले के भीतर
एक कुएं में 3 सुरंगें बनी हुई हैं, जो खजाने तक ही जाती हैं.
खुदाई से जगहंसाई करवा रही सरकार: मोदी
सपने में देखा गया खजाना भारतीय राजनीति के केंद्र में भी आ गया
है. खजाने के बहाने बीजेपी-कांग्रेस एक बार फिर आमने-सामने आ
गई हैं. बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस
पर निशाना साधते हुए कहा है कि सरकार खुदाई करवाकर जगहंसाई
करवा रही है और उसे खुदाई छोड़ विदेशी बैंकों से काला धन लेकर
आना चाहिए.
काले धन के लिए आंदोलन चलाने वाले बाबा रामदेव ने भी खजाने की आड़ में कांग्रेस पर प्रहार किया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को सपना देखने वाले साधु की बातों पर भरोसा है लेकिन मुझ पर नहीं है.
पहले दिन लगा रहा मेला
पुरातत्व विभाग का 12 सदस्यीय दल खुदाई कर रहा है. खुदाई के
औजार भी अलग-अलग हैं. पहले बड़ी खुदाई के लिए फावड़ा और
कुदालें और फिर जब 'कुछ' मिल जाएगा तब छोटी खुदाई के लिए
छेनी. उ
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राजा राव रामबख्श के खंडहर हो चुके किले के पास पहले दिन तो एक छोटा सा मेला ही लग गया. आस-पास ही नहीं, पड़ोसी जिलों के लोग भी खजाना देखने की हसरत में जमा हो गए. गुलाब जामुन, जलेबी और ब्रेड पकौड़ों की दुकानें भी सज गई.
1857 में अंग्रेजों ने दे दी थी राजा को
फांसी
दरअसल शोभन सरकार नाम के एक साधु ने दावा
किया था सपने में उन्हें राजा राव रामबख्श सिंह दिखाई दिए और
उन्होंने अपने किले के खंडहर में दबा खजाना निकाल देने को
कहा.
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राजा रामबख्श डौंडिया खेड़ा स्टेट के 25वें शासक थे. 1857 में उन्होंने अंग्रेजों के साथ लड़ाई लड़ी थी और बाद में उन्हें पेड़ से लटका कर फांसी दे दी गई थी.
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सपना देखने के बाद साधु ने राज्य प्रशासन को इस बारे में
बताया. केंद्रीय मंत्री चरण दास महंत तक खबर पहुंची तो वह साधु से
मिले. साधु ने उन्हें भरोसे में लिया कि खजाना सामने आने से देश
पर समस्याओं का बोझ कुछ हल्का हो जाएगा. इसके बाद चरणदास महंत ने प्रधानमंत्री, सोनिया गांधी, राहुल गांधी और सुशील कुमार शिंदे से बात की.
खजाना न मिलने पर सिर कटवाने को तैयार हैं साधु के
शिष्य
पुरातत्व विभाग का कहना है कि वह
किसी सपने के आधार पर खुदाई नहीं कर रहे. लेकिन साधु शोभन
सरकार के शिष्य स्वामी ओम को खजाना निकलने का पूरा यकीन है.
उन्होंने कह दिया है कि अगर खजाना नहीं मिला तो वह सिर कटवाने
को तैयार हैं
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स्वामी ओम ने यह भी कहा है कि खुदाई कानून के तहत होनी
चाहिए और खजाने का 20 फीसदी हिस्सा इलाके के विकास पर खर्च
होना चाहिए. उन्होंने कहा है कि लोगों को हड़बड़ाना नहीं
चाहिए.
हर जगह सिर्फ खजाने की चर्चा
खजाना
मिलने से पहले खजाने को लेकर रोचक चर्चाएं और बहस शुरू हो गई
हैं. खजाना कितना बड़ा होगा, इसका क्या होगा, इसे
लेकर लोगों में कौतुहल का भाव है. स्थानीय समाजववादी पार्टी के
नेता सुनील यादव 'साजन' ने कहा है कि खजाने पर पहला हक उत्तर
प्रदेश का है और अगर बचता है तो देश का होगा. कुछ को उम्मीद है
कि महंगाई कम हो जाएगी तो कुछ सोने के दाम घटने के इंतजार में
है. कुछ ऐसे भी हैं जो 1000 टन सोने की कीमत का अंदाजा
लगाने में ही व्यस्त हैं.
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फतेहपुर में इससे भी बड़ा खजाने का
दावा
अभी उन्नाव में खजाना खोजा जाना बाकी है,
लेकिन शोभन सरकार के शिष्य स्वामी ओम ने इससे भी बड़े खजाने का
'पता' बता दिया है. उन्होंने दावा किया है कि फतेहपुर जिले के
आदमपुर गांव में रींवा नरेश के किले के पास 2500 टन सोना दबा
है. उनके दावे के बाद फतेहपुर में भी स्थानीय प्रशासन सक्रिय हो गया
है.