दुनिया भर में खौफ का पर्याय बने आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) से कनेक्शन के शक में एक खाड़ी देश से तीन भारतीयों को वापस भेजा गया है. इन तीनों पर आईएस के ऑनलाइन दुष्प्रचार में शामिल होने का शक है. ये तीनों जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक और महाराष्ट्र के रहने वाले हैं. वापस आने के बाद एनआईए ने इन्हें गिरफ्तार कर लिया. शनिवार को इन्हें दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया. एनआईए को इन संदिग्धों की 10 दिन की रिमांड मिली है.
Three suspects, deported from UAE, sent to 10-day police custody by NIA court in Delhi
— ANI (@ANI_news) January 30, 2016
दुबई मॉड्यूल के लिए कर रहे थे काम
पिछले साल 15 सितंबर को यूएई ने चार भारतीयों को निर्वासित किया था, जिनके आईएस के साथ संबंध होने का संदेह है. वापस भेजे गए इन भारतीय नागरिकों की पहचान शेख अजहर अल इस्लाम अब्दुल सत्तार शेख, मोहम्मद फरहान रफीक शेख और अदनान हुसैन के रूप में की गई है. आरोप है कि ये तीनों आईएस के दुबई मॉड्यूल के लिए काम कर रहे थे.
सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट
उधर, युवाओं को लुभाने की इस्लामिक स्टेट की बढ़ती कोशिशों के बीच केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि सुरक्षा एजेंसियां इस आतंकवादी संगठन की ओर से होने वाले किसी भी तरह के खतरे से निपटने में सक्षम हैं. राजनाथ ने यूपी के ग्रेटर नोएडा में एक समारोह के बाद कहा, 'हम किसी भी खतरे से निपटने की क्षमता रखते हैं. हम इसका सामना करेंगे.'
मुख्तार अब्बास नकवी को ISIS ने दी धमकी
इससे पहले शुक्रवार को बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी को आतंकी संगठन आईएसआईएस की तरफ से एक धमकीभरा पत्र मिला. इसके बाद दिल्ली पुलिस भाजपा के शीर्ष नेताओं की सुरक्षा की समीक्षा कर रही है.
सूत्रों का कहना है कि आईएसआईएस की तरफ से भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी को भेजे गए पत्र में प्रेषक के रूप में एक राजनीतिक दल का नाम भी है. दिल्ली पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए पत्र की जांच शुरू कर दी है. इस जांच में केंद्रीय खुफिया एजेंसियों को भी शामिल किया गया है.
भारतीय हैकर्स को ISIS का ऑफरआतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (ISIS) भारत के संवेदनशील सरकारी आंकड़ों को चुराने के लिए अब देश के हैकर्स को भी रिझा रहा है. ISIS ने एक 'काम' पूरा करने के लिए एक हैकर को लगभग 7 लाख रुपये (10,000 डॉलर) देने की पेशकश की है. विशेषज्ञों का कहना है कि हैकर्स को मिला यह अब तक का यह सबसे बड़ा ऑफर है.
अंग्रेजी अखबार डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक हैकर्स से यह कहा गया है कि वे फेसबुक और ट्विटर जैसी सोशल नेटवर्किंग साइटों से ऐसे लोगों की पहचान करें और उनका डाटाबेस तैयार करें जो आतंकी संगठन के संभावित सदस्य बन सकते हैं.
हैकर्स को आकर्षक ऑफरों की पेशकश
कई सुरक्षा एजेंसियों के साथ काम करने वाले साइबर क्राइम एक्सपर्ट किसलय चौधरी ने बताया, 'ऐसे कई ऑनलाइन ग्रुप हैं जो अंडरग्राउंड हैं और हैकर्स लगातार उनसे संपर्क करते हैं. जांच में हमने पाया है कि पिछले 6 महीने में सरकारी डाटा चुराने की पेशकश वाले आकर्षक ऑफरों की संख्या तेजी से बढ़ी है और इसके लिए हैकर्स को बड़ी राशि की पेशकश भी की गई है.'
करीब 30000 लोगों से किया संपर्क
विशेषज्ञों का मानना है कि कई हैकर्स ने पहले ही इस ऑफर को झटक लिया है. यह भी कहा जा रहा है कि आतंकी संगठन ने भारत में करीब 30,000 लोगों से संपर्क किया है. किसलय के मुताबिक, इस तरह की पेशकश पहले कभी नहीं की गई है.