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लद्दाख में 3 प्रमुख सड़कों का निर्माण जल्द: राजनाथ सिंह

गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि लद्दाख में तीन प्रमुख सड़कों का निर्माण जल्द होगा, जो सुरक्षा बलों को सियाचिन सहित कई महत्वपूर्ण सामरिक ठिकानों तक पहुंच बनाने में मदद करती हैं. राजनाथ ने इस काम को तेजी से पूरा करने का आदेश दिया है.

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गृहमंत्री राजनाथ सिंह (फाइल फोटो)
गृहमंत्री राजनाथ सिंह (फाइल फोटो)

गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि लद्दाख में तीन प्रमुख सड़कों का निर्माण जल्द होगा, जो सुरक्षा बलों को सियाचिन सहित कई महत्वपूर्ण सामरिक ठिकानों तक पहुंच बनाने में मदद करती हैं. राजनाथ ने इस काम को तेजी से पूरा करने का आदेश दिया है.

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गृहमंत्री ने यह आदेश लद्दाख क्षेत्र के अपने दो दिवसीय अपने दौरे के बाद दिया. इस दौरान राजनाथ सिंह ने चीन से लगती सीमा पर हिमालय के बर्फीले व ऊंचाई वाले दुर्गम इलाके के जीवन को करीब से देखा.

इन सड़कों का होगा निर्माण
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि लेह-देमचौक, चुचुल-लूमा और दुरबुक-त्रिजंक्शन को जोड़ने वाली सड़कों का निर्माण जल्द से जल्द किया जाएगा, जो सियाचिन आधार शिविर तक जाती है. सामरिक महत्व वाली अन्य सड़कों का भी निर्माण तेजी से किया जाएगा. गृह मंत्रालय ने संबंधित एजेंसियों को इस बारे में जरूरी निर्देश दिए हैं.

राजनाथ सिंह ने इलाके में दो रातें गुजारीं, जिसमें से एक रात उन्होंने आईटीबीपी की सीमा चौकी दुंगती में बिताई, जो कि समुद्र तल से 13, 648 फुट की ऊंचाई पर स्थित है. सिंह ने क्षेत्र में मोबाइल टेलीफोन नेटवर्क सुधारने के लिए आधारभूत ढांचे के निर्माण का भी आदेश दिया.

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अब तक धीमा रहा है निर्माण कार्य
भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) जवानों के आवागमन के लिए 27 सड़कों के निर्माण की गृह मंत्रालय की परियोजना बहुत धीमी रही है, क्योंकि पिछले वर्ष के अंत तक मात्र तीन सड़कों का निर्माण हो पाया था. सड़कों का निर्माण जम्मू-कश्मीर, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम और उत्तराखंड में सीमा से लगते क्षेत्र में होना है.

इस योजना के तहत 804 किलोमीटर सड़कों के निर्माण की परिकल्पना की गई है और परियोजना पर अनुमानत: 1937 करोड़ रुपये खर्च होंगे. यद्यपि अभी तक मात्र 200 किलोमीटर सड़क का ही निर्माण हो पाया है.

इस तरह राजनाथ ने गुजारी रात
राजनाथ ने अपने इस दौरे के दौरान हेलीकॉप्टर को छोड़ दिया और लेह से करीब 200 किलोमीटर दूर दुंगती सड़क मार्ग से गए. गृह मंत्री को गंतव्य तक पहुंचने में कई घंटे का समय लगा, जो सिंधु नदी के किनारे स्थित है और वास्तविक नियंत्रण रेखा से उसकी दूरी मात्र तीन किलोमीटर है. राजनाथ सीमा चौकी पर रात बिताने वाले पहले केंद्रीय गृह मंत्री बन गए, जहां बहुत ही कम मूलभूत सुविधाएं हैं.

इनपुट: भाषा

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