कोयला घोटाले की स्टेटस रिपोर्ट पर सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में दूसरा हलफनामा देकर ड्राफ्ट रिपोर्ट में बदलाव करने की बात मानी है. सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि कानून मंत्री और पीएमओ के अधिकारियों के कहने पर ड्राफ्ट रिपार्ट में बदलाव किए गए. सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा ने सुप्रीम कोर्ट में 9 पन्नों का एफिडेविट दायर किया.
सीबीआई ने माना कि सुप्रीम कोर्ट में रिपोर्ट दिखाए जाने से पहले कानून मंत्री और पीएमओ ने रिपोर्ट देखी थी और उसमें बदलाव भी करवाए थे. इसी के साथ सीबीआई ने रिपोर्ट साझा करने पर सुप्रीम कोर्ट से माफी मांगी है. अब सुप्रीम कोर्ट पूरे मामले पर 8 मई को सुनवाई करेगा.
सीबीआई के हलफनामे के मुताबिक कोयला घोटाले पर स्टेटस रिपोर्ट को लेकर तीन बैठकें हुईं थीं. पहली बैठक कानून मंत्री अश्विनी कुमार के दफ्तर में, दूसरी अटॉर्नी जनरल, जबकि तीसरी बैठक सीबीआई के दफ्तर में हुई. बैठक में अटॉर्नी जनरल जीई वाहनवती और एडिशनल सॉलीसिटर जनरल हरिन पी रावल भी मौजूद थे, लेकिन दोनों ने बदलाव के लिए कुछ नहीं कहा था.
उधर, वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने अटॉर्नी जनरल वाहनवती पर कोर्ट की अवमानना का आरोप लगाया है. प्रशांत भूषण के मुताबिक वाहनवती ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि उन्होंने स्टेटस रिपोर्ट नहीं देखी है, जबकि रिपोर्ट पर हुई बैठकों में वो शामिल थे.
सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई के हलफनामे के बाद कानून मंत्री अश्विनी कुमार ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ मुलाकात की है. कानून मंत्री ने कहा है कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है.
कोयला घोटाले को लेकर सरकार के रवैये पर बीजेपी ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है, 'मौनी बाबा और 40 चोर.' इसी के साथ बीजेपी नेता राजीव प्रताप रूडी ने कहा है कि ये सरकार घोटालेबाजों को बचाने में जुटी हुई है.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से सरकार के दखल पर जवाब मांगा था. पिछले हफ्ते सीबीआई के हलफनामे पर नाराजगी जताते हुए कोर्ट ने रिपोर्ट में बदलाव करने वालों के नाम मांगे थे.