दिल्ली में 2008 में हुए सीरियल बम ब्लास्ट की आज तीसरी बरसी है. हमले के पीड़ित तीन साल से इंसाफ का इंतजार कर रहे हैं. लेकिन इंसाफ की बात तो छोड़िये, दिल्ली को आतंकवादी हमलों से पूरी तरह महफूज करने का काम भी नहीं हो पाया है.
आज से ठीक तीन साल पहले दिल्ली में सीरियल धमाके हुए थे. करोल बाग का गफ्फार मार्केट, बाराखंभा रोड, सेंट्रल पार्क और फिर एम ब्लॉक मार्केट में धमाके हुए. 21 लोगों की मौत और 90 से ज़्यादा घायल दिल्ली दहल उठी थी. उस धमाके ने गली नंबर 42 को श्मशान में तब्दील कर दिया था.
हर घर से चीत्कार, उन आंखों में वे तस्वीरें अभी ताजा हैं. खौफ इतना गहरा है कि खत्म नहीं होता. कुछ लोग तो आज भी डर के मारे गली में नहीं बैठते. पुलिस अबतक 2008 के सीरियल ब्लास्ट के सिलसिले में 13 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है, कई लोग अब भी फरार हैं. सीरियल ब्लास्ट 2008 की सुनवाई में फिलहाल तेजी आई है. लेकिन अगले 2-3 साल से पहले कोई फैसला आएगा, इसकी कोई उम्मीद नहीं.