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रेड्डी बंधुओं पर छापे में मिला 30 किलो सोना

रेड्डी बंधुओं के आवास पर सीबीआई के छापे में उनके ठिकानों से साढ़े चार करोड़ से ज्यादा के नकद और 30 किलोग्राम सोना मिले हैं. इसके अलावा भी कई दूसरे कागजात सीबीआई के हाथ लगे हैं.

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रेड्डी बंधु
रेड्डी बंधु

सीबीआई ने अवैध खनन मामले में रेड्डी बंधुओं को गिरफ्तार कर लिया है. जनार्दन रेड्डी और उनके भाई श्रीनिवास रेड्डी को बेल्लारी के उनके आवास से गिरफ्तार किया गया है. सोमवार सुबह करीब साढ़े पांच बजे सीबीआई के अधिकारियों ने जनार्दन रेड्डी के बेल्लारी आवास पर छापा मारा.

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दोनों भाइयों को आपराधिक षड्यंत्र और धोखाधड़ी के साथ-साथ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया है. सीबीआई ने बेल्लारी और बैंगलोर में दोनों के आवास पर छापेमारी की और गिरफ्तार किया.

सीबीआई के छापे में उनके ठिकानों से साढ़े चार करोड़ से ज्यादा के नकद और 30 किलोग्राम सोना मिले हैं. इसके अलावा भी कई दूसरे कागजात सीबीआई के हाथ लगे हैं.

रेड्डी बंधुओं की गिरफ्तारी बेहद रहस्यमय तरीके से हुई है. सुबह साढ़े पांच बजे ही सीबीआई बेल्लारी और बैंगलोर पहुंच गई छापे के लिए. सुबह करीब साढ़े सात बजे रेड्डी बंधुओं की गिरफ्तारी की खबर भी आ गई. सुबह आठ बजे जब रेड्डी बंधुओं को लेकर सीबीआई निकली, तो बताया गया कि उन्हें हैदराबाद ले जाया जा रहा है. उम्मीद है कि सीबीआई दोपहर 2 बजे रेड्डी बंधुओं को लेकर हैदराबाद पहुंच जाएगी. खबरों के मुताबिक, आज ही शाम करीब 4 बजे उन्हें हैदराबाद में अदालत में पेश कर दिया जाएगा.

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रेड्डी बंधुओं की जितनी अहमियत कर्नाटक की राजनीति में है, उससे कहीं ज्यादा अहमियत आंध्र प्रदेश की राजनीति में है. ये गिरफ्तारी भले ही जनार्दन रेड्डी और श्रीनिवास रेड्डी की हुई है, लेकिन इस गिरफ्तारी से आंध्र की राजनीति में एक अलग सी खलबली मचनेवाली है.

माना जाता है कि रेड्डी बंधु वाईएसआर के बेहद करीबी थे, और उनकी मौत के बाद जगन रेड्डी को इनका ही समर्थन मिला है. आरोप लगे हैं कि वाई एस राजशेखर रेड्डी के शासनकाल 2004 से 2009 तक रेड्डी बंधुओं को खनन की पूरी छूट मिली थी. इस दौरान रेड्डी बंधुओं ने तमाम नियम कायदों को ताक पर रखकर खनन का काम किया.

आरोप ये भी हैं कि रेड्डी बंधुओं ने अपने फायदे के लिए राज्य की सीमा का भी ख्याल नहीं रखा. वैसे तो उनकी कंपनी आंध्र प्रदेश में है, लेकिन वो खनन कर्नाटक से भी किया करते थे.

सीबीआई को इसकी जानकारी तब मिली, जब उसने खनीज की जांच की. जांच में ये पाया गया कि रेड्डी बंधु जिस खनीज को ओबलापुरम का बताते थे, असल में उसके गुण बेल्लारी के खनीज से मिलते-जुलते थे. लेकिन इन गड़बड़झालों के बाद भी रेड्डी बंधु पर नकेल नहीं कसा जा सका क्योंकि उन्हें वाईएसआर का समर्थन मिला हुआ था. उनकी मौत के बाद और विपक्ष के दबाव में रोसैया ने अवैध खनन पर सीबीआई जांच के आदेश दे दिए. लेकिन रेड्डी बंधुओं ने आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट से इस जांच पर स्टे ले लिया.

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करीब एक साल तक स्टे के बाद आखिर रेड्डी बंधुओं के खिलाफ जांच शुरू हुई. जाहिर है, इस गिरफ्तारी के बाद अब आंध्र की राजनीति के कई बड़े चेहरे भी घेरे में आ सकते हैं.

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