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34वें राष्ट्रीय खेलों का भव्य उद्घाटन

रंगारंग कार्यक्रमों और बालीवुड के सितारों समीरा रेडडी और विवेक ओबेराय कि ठुमकों के बीच शनिवार शाम ठीक पांच बजे दर्शकों से खचाखच भरे यहां स्थित भव्य बिरसा मुंडा एथलेटिक्स स्टेडियम में 34वें राष्ट्रीय खेलों का उद्घाटन राज्यपाल एम ओ एच फारुक और मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने किया.

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चार वर्षों की लंबी प्रतीक्षा के बीच आखिर वह घड़ी आ ही गयी जब रंगारंग कार्यक्रमों और बालीवुड के सितारों समीरा रेडडी और विवेक ओबेराय कि ठुमकों के बीच शनिवार शाम ठीक पांच बजे दर्शकों से खचाखच भरे यहां स्थित भव्य बिरसा मुंडा एथलेटिक्स स्टेडियम में 34वें राष्ट्रीय खेलों का उद्घाटन राज्यपाल एम ओ एच फारुक और मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने किया.

खेलों के उद्घाटन समारोह का शुभारंभ झारखंड पुलिस के बैड से हुआ जिसके बाद मुख्य अतिथि राज्यपाल एम ओ एच फारुक का स्टेडियम में आगमन हुआ. इसी दौरान ग्लाइडर से पूरे समारोह स्थल पर गुलाब की पंखुडियां बरसायी गयी जिससे पूरा वातावरण सुगंधित हो गया. इसके तुरंत बाद राष्ट्रगान हुआ.

राष्ट्रगान के बाद मुख्य अतिथि का स्वागत और फिर उनका अभिभाषण हुआ. राज्यपाल के अभिभाषण के तुरंत बाद देशभर से आये लगभग नौ हजार खिलाडियों का उनकी वेशभूषा में मार्चपास्ट हुआ. खिलाडियों का मार्चपास्ट पूरे स्टेडियम से होते हुए मैदान के बीचों बीच संपन्न हुआ.

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उद्घाटन कार्यक्रम में बिरसा मुंडा स्टेडियम में बनाये गये मुख्य मशाल को मास्को ओलंपिक के स्पर्ण विजेता हाकी के पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाडी सिलवानुस डुंगडुंग ने मैदान के बीच से ही निशाना साध कर प्रज्वलित किया.
डुंगडुंग से हपले मशाल को राष्ट्रमंडल खेलों की स्पर्ण परी रांची की बेटी दीपिका कुमारी लेकर मैदान में आई तो पूरा स्टेडियम तालियों से गूंज उठा . इसके बाद मशाल को अंतरराष्ट्रीय हाकी खिलाडी सुमरई टेटे और अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाज अरुणा मिश्रा ने लेकर स्टेडियम में दौड लगाई. राष्ट्रीय खेलों के लिए खेल गांव और राजधानी रांची को दुल्हन की तरह सजाया गया है.{mospagebreak} पूरे शहर और विशेषकर खेलगांव की ओर आने वाली सडकों पर अनेक तोरण द्वार बनाये गये है. स्टेडियम को तीन रंगो वाले सुनहरे कपडे और रंग बिरंगे पुष्पों से बहुत ही आकषर्क ढंग से सजाया गया. शहर की साफ सफाई कर सभी सडकों पर दूधिया रोशनी की वयवस्था की गयी जिसेस पूरा रांची शहर जगमगा रहा था.

खेलों के उद्घाटन समारोह की विशेषता लगभग आधे घंटे का झारखंडी संस्कृति को परिलक्षित करने वाला रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम था. इस दौरान सबसे पहले लगभग पांच मिनट के छोटा नागपुरी झूमर पर झारखंडी कलाकारों ने दर्शकों का मनोरंजन किया. पांच मिनट की अखडा वंदना पाइका नृत्य उरांव नृत्य और छठ नृत्य भी किये गये.

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झारखंड की विरासत को प्रदर्शित करने वाले कार्यक्रमों की कडी में नृत्य और बीतों के अनेक कार्यक्रम पेश किये गये. राष्ट्रीय खेलों के पिछले आयोयक असम का लोक नृत्य विहू भी कार्यक्रम का एक आकषर्ण था. इन सभी सांस्कृतिक कार्यक्रमों को लगभग पौने दो सौ कलाकारों ने प्रस्तुत किया.
पूरे कार्यक्रम का संयोजन बिग बास की प्रसिद्धि वाली श्वेता तिवारी ने किया. कार्यक्रम के बीच बीच में स्लम डाग मिल्योनेयर के गायक सुखविंदर सिंह ने चक दे इंडिया जैसे गानों से दर्शकों में जोश भर दिया. उद्घाटन समारोहों में बालीवुड का जबर्दस्त तडका था. इसी तडके का यह जोश था कि लोग कार्यक्रम के लगभग सवा नौ बजे रात में हुए समापन तक अपनी सीटों पर जमे रहे.

इसमें जहां समीरा रेड्डी ने दुनिया में लोगों को धोखा अभी हो जाता है. गाने पर ठुमके लगाये वही इसी गाने के दौरान बालीवुड सितारे विवेक ओबेराय नयी कावासाकी मिन्जा बाइक से 40 गुणे 60 फीट के विशाल स्टेज पर जोरदार इंट्री की. {mospagebreak}बाद में विवेक ओबेराय ने भी समीरा रेड्डी के साथ इस गाने पर ठुमके लगाये.

इनके कार्यक्रम के बाद अमीषा पटेल ने भी अपने नृत्य से दर्शकों को रोमांचित कर दिया. इन तीनों कलाकारों ने बोल अडिप्पा. . गीत पर भी जमकर धमाल किया जिससे स्टेडियम मे बैठे दर्शक अपनी सीटों को छोडकर खडे हो गये और अपनी जगह पर ही झुमने लगे.

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राष्ट्रीय खेलों के उद्घाटन कार्याक्रम में जबर्दस्त लेजर शो किया गया जिसमें हाकी के खिलाड़ी जयपाल सिंह मुंडा भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी, हाकी के सिलवानुस डुंगडुंग और सुमराय टेटे तथा तीरंदाजी के संजीव सिंह की छवि स्टेडियम में बनायी गयी. उनकी उपलब्धियों से भी दर्शकों को अवगत कराया गया. उद्घाटन समारोह कुल लगभग चार घंटे तक चला और यह रात्रि सवा नौ बजे संपन्न हुआ. कार्यक्रम में वीरेन ने रंग दे बसंती और सौम्या ने देश रंगील पर नृत्य प्रस्तुत किया.

राष्ट्रीय खेलों में भाग लेने के लिए सभी राज्यों और केन्द्रों शासित प्रदेशों से लगभग नौ हजार खिलाड़ी और साढे तीन हजार पदाधिकारी और कोच यहां पहुंचे है. यहां पहुंचने वाले सभी लोगों ने खेलों के लिए तैयार किये गये स्टेडियम और मैदानों तथा उपकरणों की जमकर तारीफ की.

खेलों के उद्घाटन के लिए पहले राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को बुलाया गया था लेकिन वह इसके लिए उपलब्ध नहीं हो सके.

अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री अथवा राष्ट्रपति का अबतक खेलों के 26 फरवरी को आयोजित समापन समारोह में भी शामिल होने का कोई कार्यक्रम नहीं बन सका है.
फरवरी 2007 में गुवाहाटी में आयोजित राष्ट्रीय खेलों के बाद रांची में इसका आयोजन तय हुआ था लेकिन यहां राजनीतिक अस्थिरता और अन्य अनेक कारणों के चलते खेलों का आयोजन छह बार स्थगित हुआ. अंतत: आज इसका यहां भव्य सुभारंभ हुआ और खेल 26 फरवरी तक चलेंगे. देश के कोने कोने से पहुंचे खिलाड़ियों और उनके अधिकारियों ने मैदान में उद्धाटन कार्यक्रम के दौरान जमकर धमाल मचाया.{mospagebreak}

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मेजबान झारखंड ने खेलों में अपना सबसे बड़ा दल उतारा और इसमें कुल आठ सौ से अधिक महिला एवं पुरूष खिलाड़ी शामिल थे.

रांची में लगभग साढ़े तीन सौ एकड़ भूमि में बने खेल गांव में पंद्रह दिनों में कुल 27 स्पर्धाए और जमशेदपुर और धरबाद में छह अन्य स्पर्धाए आयोजित होंगी.

पिछले राष्ट्रीय खेलों में गुवाहाटी में छह स्वर्ण, नौ रजत और सात कास्य पदक जीतने वाली मेजबान झरखंड की टीम को इस बार अधिक पदक जीतने की उम्मीद है.

झारखंड ओलंपिक संघ के महासचिव एस एस हाशमी ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि इस बार के खेलों में झारखंड की टीम शीर्ष तीन पदक विजेताओं में अवश्य शामिल होगी.
झारखंड को राष्ट्रमंडल खेलों की अपनी स्वर्ण परी दीपिका से तीरंदाजी में ढेरों उम्मीदें है. पिछले राष्ट्रीय खेलों में सर्विसेज स्पोर्ट्स कंट्रोल बोर्ड ने 59 स्वर्ण 46 रजत और 37 कांस्य पदक जीत कर पहला स्थान प्राप्त किया था जबकि मणिपुर और असम क्रमश: पदक विजेताओं में दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे थे. बहुप्रतीक्षित 34वें राष्ट्रीय खेलों के लिए 677 करोड रूपये की लागत से कुल 18 स्टेडियम तैयार किये गये है.

चौंतीसवें राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के लिए राज्य सरकार ने राज्य में रांची जमशेदपुर और धनबाद में कुल मिलाकर 18 स्टेडियम तैयार कराये है जो वर्ष 200 के सिडनी ओलंपिक के स्टेडियमों की तर्ज पर तैयार किये गये है.

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कुल 677 करोड रूपये की लागत से तैयार ये स्टेडियम आधुनिकतम सुविधाओं से पूरी तरह लैस है. भारतीय ओंलपिक संघ के अध्यक्ष सुरेश कलमाडी ने भी इन खेलों के अब तक के सर्वश्रेष्ठ होने का दावा किया है.

अपने संबोधन में कलमाडी ने कहा कि खेलों के आयोजन में झारखंड सरकार और झारखंड ओलंपिक संघ ने जो तत्परता दिखायी है वह अभूतपुर्व है.

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