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बुलेट ट्रेन ट्रेनिंग लेने 350 रेल अफसर जाएंगे जापान

मुंबई-अहमदाबाद के बीच पहली बुलेट ट्रेन चलाने के लिए रेल मंत्रालय ने कमर कस ली है. इसके लिए जापान और भारत के बीच लगातार बैठकों का दौर जारी है. बुलेट ट्रेन टेक्नोलॉजी को समझने के लिए रेल मंत्रालय ने 350 अफसरों को ट्रेनिंग के लिए जापान भेजने की योजना बनाई है. जापान में ट्रेनिंग लेने के बाद रेलवे के यही अफसर भारत में दूसरे रेल कर्मचारियों को बुलेट ट्रेन टेक्नोलॉजी की ट्रेनिंग देंगे.

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बुलेट ट्रेन को लेकर भारत और जापान के बीच जारी है मुलाकातों का दौर
बुलेट ट्रेन को लेकर भारत और जापान के बीच जारी है मुलाकातों का दौर

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मुंबई-अहमदाबाद के बीच पहली बुलेट ट्रेन चलाने के लिए रेल मंत्रालय ने कमर कस ली है. इसके लिए जापान और भारत के बीच लगातार बैठकों का दौर जारी है. बुलेट ट्रेन टेक्नोलॉजी को समझने के लिए रेल मंत्रालय ने 350 अफसरों को ट्रेनिंग के लिए जापान भेजने की योजना बनाई है. जापान में ट्रेनिंग लेने के बाद रेलवे के यही अफसर भारत में दूसरे रेल कर्मचारियों को बुलेट ट्रेन टेक्नोलॉजी की ट्रेनिंग देंगे.

गुजरात में बनाया गया है ट्रेनिंग सेंटर
रेलवे के एक आला अफसर के मुताबिक बुलेट ट्रेन टेक्नोलॉजी भारत के लिए एकदम नई है और इसमें विशेषज्ञता भी हमारे यहां नहीं है. ऐसे में देश में बुलेट ट्रेन तकनीक के प्रचार प्रसार के लिए गुजरात के गांधीनगर में एक खास तरह का ट्रेनिंग सेंटर भी बनाया जाएगा. रेलवे का इरादा है कि कुल मिलाकर चार हजार कर्मचारियों व अधिकारियों को बुलेट ट्रेन के मामले में ट्रेनिंग दे दी जाए.

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...ताकि दूसरों पर निर्भर न रहे भारत
रेलवे के अफसरों का कहना है कि बुलेट ट्रेन प्रॉजेक्ट के साथ ही रेलवे का फोकस ट्रेनिंग पर भी है ताकि भविष्य में अन्य रूटों पर बुलेट ट्रेन चलाने के लिए जापान या दूसरे देशों पर पूरी तरह से निर्भर न रहना पड़े. रेलवे के एक सीनियर अधिकारी का कहना है कि अभी चूंकि देश में कहीं भी बुलेट ट्रेन नहीं है इसलिए ट्रेनिंग के लिए अधिकारियों को जापान ही भेजना होगा. इसके लिए तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. बुलेट ट्रेन तैयार होने से पहले कर्मचारियों और अधिकारी को ट्रेंड करना लक्ष्य है. इस अधिकारी के अनुसार यह उसी तरह की तैयारी है, जैसे दिल्ली मेट्रो ने की थी.

दिल्ली मेट्रो के लिए भी ली गई विदेशी मदद
दिल्ली मेट्रो ने भी पहले फेज का काम कराने के लिए जापान और कोरिया के एक्सपर्ट्स की मदद ली, लेकिन सेकंड और थर्ड फेज के लिए उसने अपने ही अधिकारियों व कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी. इसकी बदौलत अब भारतीय अफसर ही देश भर में मेट्रो लाइनों का निर्माण कर रहे हैं. रेलवे का कहना है कि आने वाले वक्त के लिए उसे बुलेट ट्रेन पर ट्रेनिंग पा चुके चार हजार इंजीनियरों, अफसरों और तकनीशियनों की जरूरत होगी. इसी वजह से ही रेलवे गुजरात के गांधी नगर में भी एक ट्रेनिंग इंस्टीटयूट बनाने की तैयारी हो रही है. उम्मीद की जा रही है कि इसी साल इस इंस्टिट्यूट का शिलान्यास किया जाएगा.

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