तीसरी पीढ़ी (3जी) की मोबाइल सेवा के लिए स्पेक्ट्रम की नीलामी बुधवार को समाप्त हो गई और इसमें अखिल भारतीय लाइसेंस के लिए आखिरी बोली 16,828 करोड़ रुपये पर पहुंच गई. इस हिसाब से सरकार को 3जी स्पेक्ट्रम की बिक्री से 70,000 करोड़ रुपये का राजस्व मिलना तय है जबकि नीलामी से पहले सरकार ने 35,000 करोड़ रुपये की प्राप्ति का अनुमान लगाया था.
सूत्रों के अनुसार, 34 दिन तक चली नीलामी प्रक्रिया में भारती, आइडिया और वोडाफोन एस्सार को कई सर्किलों में सफलता मिली है. अखिल भारतीय लाइसेंस की जानकारियों का अभी इंतजार हो रहा है. ताजा आंकड़ों के अनुसार, अखिल भारतीय लाइसेंस की बोली 16,828 करोड़ रुपये पर पहुंच गई है, जो 3,500 करोड़ रुपये के आरक्षित मूल्य से कहीं अधिक है.
3जी स्पेक्ट्रम की नीलामी पूरी होने के बाद अब सरकार ब्राडबैंड वायरलेस एक्सेस (बीडब्ल्यूए) स्पेक्ट्रम की नीलामी अगले दो दिन में शुरू करेगी. भारती एयरटेल, वोडाफोन, रिलायंस कम्युनिकेशंस तथा टाटा टेली सहित नौ आपरेटर 3जी स्पेक्ट्रम की दौड़ में थे.
3जी सेवाओं के शुरू होने के बाद ग्राहकों को अपने मोबाइल फोन पर तेज गति के डेटा डाउनलोड की सुविधा मिलेगी. ज्यादातर राज्यों में तीन आपरेटरों के लिए स्लाट उपलब्ध थे. वहीं पंजाब, बिहार, उड़ीसा, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में चार-चार स्लाट उपलब्ध थे.