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इमरजेंसी के 40 साल पर PM को याद आए जेपी, आंदोलनकारियों को शाह करेंगे सम्मानित

देश में गुरुवार को इमरजेंसी के 40 साल पूरे हो गए हैं. 25 जून 1975 को ही तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में इमरजेंसी लगा दी थी. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह इस मौके पर उन लोगों को सम्मानित करेंगे, जिन्हें इमरजेंसी के दौरान जेल में बंद कर दिया गया था. जबकि सरकार ने जयप्रकाश नारायण की याद में मेमोरियल और म्यूजियम बनाने का फैसला किया है.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फाइल फोटो
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फाइल फोटो

देश में गुरुवार को इमरजेंसी के 40 साल पूरे हो गए हैं. 25 जून 1975 को ही तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में इमरजेंसी लगा दी थी. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह इस मौके पर उन लोगों को सम्मानित करेंगे, जिन्हें इमरजेंसी के दौरान जेल में बंद कर दिया गया था. जबकि सरकार ने जयप्रकाश नारायण की याद में मेमोरियल और म्यूजियम बनाने का फैसला किया है.

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बीजेपी इस मौके पर कई कार्यक्रम आयोजित करने जा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी आपतकाल के दौर की चर्चा करते हुए ट्विटर पर जयप्रकाश नारायण को याद किया है. उन्होंने इमरजेंसी को काला अध्याय बताते हुए लिखा है कि आपातकाल देश के लोकतंत्र को कुचलने की साजिश थी. पीएम ने कहा कि जेपी की एक आवाज पर उस दौर में लाखों लोग साथ आए. एंटी इमरजेंसी आंदोलन से काफी कुछ सीखने को मिला.

बिहार में इस साल सितम्बर-अक्तूबर में विधानसभा चुनाव होने हैं. जयप्रकाश नारायण के सम्मान में सरकार द्वारा लिए गए अनेक निर्णयों की घोषणा करते हुए बुधवार को गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने जहां आपातकाल को भारतीय इतिहास का काला अध्याय बताया, वहीं इसके खि‍लाफ देश को एकजुट करने में समाजवादी नेता के योगदान की सराहना की. उन्होंने याद दिलाया कि आपातकाल के दौरान किस तरह लोकतांत्रिक संस्थाओं का गला घोंटा गया था.

'राजनीतिक लाभ के लिए नहीं'
सिंह ने इस बात को खारिज किया कि जेपी पर सरकार का यह निर्णय बिहार चुनाव में राजनीतिक लाभ हासिल करने के इरादे से किया गया है. उन्होंने कहा कि इस तरह के महान व्यक्ति द्वारा किए गए योगदान को सम्मनित करने के काम को राजनीतिक नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा, 'इसे राजनीतिक लाभ या हानि से नहीं जोड़ा जाना चाहिए.'

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कैबिनेट ने संस्कृति मंत्रालय के जिस प्रस्ताव को बुधवार को मंजूरी दी उसके मुताबिक जयप्रकाश नारायण की जन्म स्थली बिहार के छपरा जिले के सिताब दियरा के लाला का टोला में एक राष्ट्रीय स्मारक स्थापित किया जायेगा. इस स्मारक में एक वर्चुअल संग्रहालय होगा और साथ ही एक संस्थान भी बनाया जाएगा, जहां लोकनायक के विचारों को ध्यान में रखते हुए लोकतंत्र, राष्ट्र निर्माण में पंचायतों की भूमिका बढ़ाने, गांधीवादी विचारों और खादी पर अध्ययन और अनुसंधान होगा. इसके साथ ही महिला समूहों द्वारा राष्ट्रीय ध्वज बनाने के लिए उस स्थान पर लोक नायक खादी गौरव संवर्धन केन्द्र भी स्थापित होगा.

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