मुहाजिर कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) ने पाकिस्तान की व्यापारिक राजधानी में उपचुनाव तो जीत लिया लेकिन इस चुनाव को लेकर उत्तरपश्चिमी पश्तूनी और उर्दूभाषी मुहाजिरों के बीच हुई राजनीतिक हिंसा में 41 लोग मारे गए जबकि 60 लोग घायल हुए.
कराची के लोगों ने एमक्यूएम के प्रत्याशी सैफुद्दीन खालिद को विधायक चुना. यह सीट इसी पार्टी के रजा हैदर की अगस्त में हुई हत्या के बाद खाली हुई थी.
खालिद ने यह उपचुनाव करीब 91 हजार वोटों के बड़े अंतर से जीता लेकिन पुलिस का कहना है कि इस उपचुनाव को लेकर हुई राजनीतिक हिंसा में आज तक 41 लोग मारे गए जबकि 60 लोग घायल हुए.
कराची में चिंताजनक स्थिति को देखते हुए गृहमंत्री रहमान मलिक यहां आए और उन्होंने हिंसा पर जल्द से जल्द काबू पाने के उपायों पर चर्चा की. मलिक ने कहा कि इन हत्याओं के मामले में 60 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
मलिक ने कहा, ‘हम कराची में राजनीतिक हिंसा रोकना चाहते हैं. हर दो या तीन महीने बाद हत्याओं की नई लहर शुरू हो जाती है. कराची के लोगों को बार बार अशांति के माहौल को झेलना पड़ रहा है लेकिन यह बंद होना चाहिए.’
कराची में हैदर की मौत के बाद चली हिंसा की लहर में 85 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी. पुलिस ने कहा कि शनिवार और रविवार को हुई मौतों की साजिश को राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित बताया जा रहा है.