18 साल की एक लड़की ने कथित तौर से सामूहिक बलात्कार के 44 दिन बाद पुलिस द्वारा आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं किये जाने से दुखी होकर आत्महत्या कर ली है.
पंजाब पुलिस ने गुरुवार रात एक सहायक उप निरीक्षक समेत अपने दो कर्मियों को बर्खास्त कर दिया और एक डीएसपी को निलंबित कर दिया. इसके अलावा पंजाब पुलिस ने बलात्कार के आरोपियों के खिलाफ लंबे समय तक कार्रवाई नहीं करने के मामले की जांच के आदेश दिये हैं. इस मामले की जांच एक वरिष्ठ अधिकारी करेंगे. शिंदरपाल कौर समेत बलात्कार के सभी तीनों आरोपियों को गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया.
पुलिस सूत्रों ने बताया कि दीपावली की रात (13 नवंबर) को बादशाहपुर गांव की रहने वाली लड़की के साथ दो लोगों बलविंदर सिंह और गुरप्रीत सिंह ने एक महिला शिंदरपाल कौर के साथ मिलीभगत कर बलात्कार किया.
पीड़िता ने जिले के घग्घा पुलिस थाने में इसकी शिकायत की लेकिन थाना प्रभारी ने 14 दिन बाद भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की.
पुलिस सूत्रों ने बताया कि जब पीड़िता अपने शिकायत के बारे में जानकारी लेने के लिये पुलिस थाने जाती तो गुरूचरण उससे कथित बलात्कार के बारे में शर्मीदंगी भरे सवाल पूछता था. पुलिस ने बताया कि लड़की ने अपने घर पर जहरीला पदार्थ खा लिया और उसकी बीती रात अस्पताल में मौत हो गई.
मामले की जांच कर रहे सहायक उप निरीक्षक नसीब सिंह मामले की जांच करने में असफल रहे जबकि पुलिस उपाधीक्षक हरप्रीत सिंह ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की जिसके फलस्वरूप लड़की ने आत्महत्या कर लिया.
प्राथमिक जांच के आधार पर गुरचरण सिंह और नसीब सिंह को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया जबकि हरप्रीत सिंह को निलंबित कर दिया गया है.
पटियाला के पुलिस महानिरीक्षक पी एस गिल ने कहा कि थाना प्रभारी ने न केवल मामले को दर्ज करने में देरी की बल्कि वरिष्ठ अधिकारियों को घटना के बारे में नहीं बताया.
बीती रात लड़की के आत्महत्या के बाद उप मुख्यमंत्री सुखबीर बादल ने डीजीपी सुमेध सिंह से कहा कि वे दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ तुरंत और कड़ी से कड़ी कार्रवाई करें जिन्होंने जांच और बलात्कार के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई में देरी की.
बादल ने एक बयान जारी कर कहा कि वह महिलाओं के खिलाफ अपराध से जुड़े मामलों में असंवेदनशीलता बरतने को बर्दाश्त नहीं करेंगे.