मोदी सरकार के कार्यकाल में पिछले चार साल के दौरान ISIS के 47 आतंकी पकड़कर वापस भारत लाए गए हैं. ये सभी ISIS समर्थक भारत से बाहर चले गए थे और आतंकी संगठन में भर्ती हो गए थे. ये वहीं रहकर मुस्लिम युवाओं को बरगलाने और उन्हें ISIS में भर्ती करने का काम कर रहे थे. 'आजतक' ने इन सभी आतंकियों की लिस्ट देखी है. ऐसे ज्यादातर ISIS समर्थक मध्य-पूर्व के देशों में रह रहे थे.
आईएसआईएस के इन 47 समर्थकों में से ज्यादातर भारत से बाहर रहकर भारतीय युवाओं के भर्ती एजेंट के रूप में काम कर रहे थे. ये लोग झांसे में आ सकने लायक युवाओं को बरगलाते थे और उन्हें जिहादी विचारधारा से प्रभावित करने की कोशिश करते थे. भारतीय खुफिया एजेंसियों ने इनके ठिकाने का पता लगा लिया और इन्हें पकड़कर भारत लाया गया.
ऐसे बहुत से आतंकी देश में बैठे सैकड़ों ISIS समर्थकों की पहचान के लिहाज से काफी कारगर सूत्र साबित हुए. गौरतलब है कि जिहादी विचारधारा से प्रभावित सैकड़ों ISIS समर्थकों ने सीरिया जाकर इस आतंकी संगठन के लिए काम करने करने का मन बना लिया है.
सूत्रों के मुताबिक पकड़कर लाए गए कई आतंकी भारतीय गुमराह युवाओं के संपर्क में थे और उनकी सीरिया यात्रा के लिए पैसे, टिकट आदि की व्यवस्था करते थे. कुछ आतंकियों का काम युवाओं का ब्रेनवॉश करना था ताकि वे ISIS के नाम पर आतंकी हमले कर सकें.
आजतक-इंडिया टुडे को 101 लोगों की ऐसी लिस्ट देखने को मिली है जो ISIS, डी कंपनी, लश्कर-ए-तैयबा और सिख आतंकी संगठनों से जुड़े हैं. ये यूएई, कतर, टर्की, सऊदी अरब, फ्रांस, सिंगापुर, थाईलैंड, बांग्लादेश और म्यांमार में रह रहे थे या अब भी वहीं बसे हैं.
इस लिस्ट में सबसे ज्यादा आतंकी ISIS के ही हैं, जो ज्यादातर मध्य-पूर्व के देशों में रह रहे थे और इन्हें 2014 के बाद भारत लाया गया है. ज्यादातर गिरफ्तार हो चुके हैं और आतंक के मुकदमों का सामना कर रहे हैं. कई ऐसे हैं जिन्होंने देश में ISIS के नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए काफी उपयोगी जानकारियां दी हैं. भारतीय खुफिया एजेंसियों ने उक्त देशों की खुफिया एजेंसियों की मदद से आतंकियों की पहचान की और यह सुनिश्चित किया कि उन्हें पकड़कर भारत लाया जाए.
हाल में ही NIA ने देश में ISIS के एक मॉड्यूल का खुलासा किया था. इस मॉड्यूल के सदस्य कई जगहों पर सीरियल धमाके करने की साजिश रच रहे थे. एनआईए के आईजी और प्रवक्ता आलोक मित्तल ने बड़ा खुलासा करते हुए बताया था कि पकड़े गए कथित आईएसआईएस आतंकी फिदायीन हमले की तैयारी करना चाहते थे. उन लोगों ने बम बनाने का काफी सामान जमा किया था. सभी आरोपी 20 से 30 साल की उम्र के थे.
एजेंसी ने दिल्ली और यूपी में 17 ठिकानों पर छापेमारी की थी, जिसमें पांच लोग दिल्ली से और पांच लोग यूपी से गिरफ्तार हुए हैं. एनआईए ने इस पूरी कार्रवाई को दिल्ली और यूपी पुलिस की मदद से अंजाम दिया था.