हरियाणा के एक प्रेमी जोड़े को मौत के बाद इंसाफ मिल ही गया. 2007 में हुए मनोज-बबली हत्याकांड में करनाल की अदालत ने 5 परिजनों को फाँसी की सजा सुनायी है. गोत्र विवाद के चलते उनकी हत्या कर दी गई थी.
कैथल जिले के गांव करोड़ा में रहने वाले मनोज-बबली ने घर से भागकर 7 अप्रैल को चंडीगढ़ में शादी कर ली थी. इस जोड़े ने परिजनों द्वारा जान से मारने की धमकी मिलने पर हाईकोर्ट से सुरक्षा की गुहार लगाई थी. हाईकोर्ट ने उन्हें सुरक्षा भी मुहैया करवा दी थी.
15 जून को बुटाना के समीप मनोज-बबली का अपहरण कर लिया गया था और करीब 10 दिन बाद दोनों के शव नारनौंद के समीप नहर में मिले थे. पुलिस ने मनोज-बबली हत्याकांड में जब गहनता से छानबीन की तो खुलासा हुआ कि बबली के परिजनों ने ही दोनों का अपहरण कर उन्हें मौत के घाट उतारा है. अदालत ने इस मामले में पुलिस की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए हैं.