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नए विदेश सचिव के बारे में 5 खास बातें

सुब्रमण्यम जयशंकर भारत के नए विदेश सचिव बन गए हैं. 60 वर्ष के जयशंकर रिटायर ही होने जा रहे थे कि उन्हें सेवा विस्तार तो मिला ही भारत का विदेश सचिव बना दिया गया. इस पद के लिए उन्हें पहले भी चुना जा रहा था लेकिन सुजाता सिंह बाजी मार गईं.

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सुब्रमण्यम जयशंकर
सुब्रमण्यम जयशंकर

सुब्रमण्यम जयशंकर भारत के नए विदेश सचिव बन गए हैं. 60 वर्ष के जयशंकर रिटायर ही होने जा रहे थे कि उन्हें सेवा विस्तार तो मिला ही भारत का विदेश सचिव बना दिया गया. इस पद के लिए उन्हें पहले भी चुना जा रहा था लेकिन सुजाता सिंह बाजी मार गईं.

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अब उन्होंने यह महत्वपूर्ण पद संभाल लिया है. आइए जानते हैं इनके बारे में 5 खास बातें...

1. जयशंकर ने पीएम मोदी के अमेरिका दौरे की व्यवस्था करवाने से लेकर वहां तमाम बैठकें कराने की जिम्मेदारी सफलतापूर्वक निभाई. उन्होंने देवयानी खोबरागड़े मामले के बाद भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूत बनाने में बड़ा काम किया. ओबामा के दौरे को पक्का करवाने में उन्होंने बड़ी भूमिका निभाई.

2. उन्होंने न्यूक्लियर समझौते का पहला प्रारूप तैयार करवाया जिसे आदर्श माना जा रहा है. यह समझौता देश के बहुत काम आएगा और इससे ऊर्जा की कमी से निबटा जा सकेगा.

3. चीन के राजदूत के रूप में भी उन्होंने बहुत काम किया और पिछली यूपीए सरकार के कार्यकाल में आई जड़ता को दूर करने का प्रयास किया. उन्होंने चीन में गिरफ्तार भारतीय व्यापारियों को छुड़वाया. उन्होंने चीन के बारे में पैदा हुई गलतफहमी दूर करने में काफी योगदान दिया जिससे दोनों देशों में रिश्ते सुधरे.

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4. उन्हें रूस के मामलों का भी विशेषज्ञ माना जाता है. इसके अलावा वे वहां के देशों के बारे में अच्छी जानकारी रखते हैं. रूस में उनके तगड़े कनेक्शन हैं, जिनका भारत सरकार आगे चलकर लाभ उठा सकती है.

5. उनकी शिक्षा उच्चस्तरीय है. उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में पीएचडी की है और राजनीति शास्त्र में एमए. वह लंदन के इंस्टीट्यूट ऑफ स्ट्रैटेजिक स्टडीज के सदस्य हैं. जयशंकर के पिता के सुब्रमण्यम देश के सर्वश्रेष्ठ नीतिकारों में माने जाते हैं.

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