बंगलुरु में तंजानिया की छात्रा के साथ सरेराह भीड़ ने जो सलूक किया, क्या यही चरित्र है इस शहर का? गुरुवार को प्रदेश के गृह मंत्री जी. परमेश्वरा ने बकायदा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके दुनिया को यह समझाने की कोशिश की कि देश को शर्मसार करने वाली यह घटना नस्लीय नहीं है और ना ही बंगलुरु का यह चरित्र है. लेकिन गृह मंत्री के बयान के ठीक बाद तंजानिया के राजदूत ने इस घटना को नस्लीय करार देकर उन्हें जवाब दे दिया. पेश हैं 5 ऐसी वजहें जो बताती हैं कि कैसे रविवार की घटना एक नस्लीय हमला है-
1) भीड़ कार चला रहे विदेशी छात्रों की पिटाई करती है.
पांच बार पहले भी बेकाबू हो चुका है बंगलुरु
2) विदेशी छात्रों की कार को भी आग के हवाले कर दिया जाता है.
3) घटनास्थल के पास से एक तंजानिया की छात्रा गुजर रही होती और भीड़ की नजर उस पर पड़ती है. भीड़ उसके रंग का भेद जानकर बेकाबू होती है.
'ऐसा-वैसा नहीं है बंगलुरु का चरित्र'
4) भीड़ 20 मिनट छात्रा का पीछा करती है, उसे पीटती है और कपड़े फाड़ती है.
5) छात्रा की मदद के लिए आए तंजानिया के एक छात्र को भी भीड़ पीटने लगती है.