नई पॉलिटिकल पार्टी बनाकर राजनीतिक क्रांति का दावा करने वाले रजनीकांत को लोगों से भरपूर समर्थन मिल रहा है. रजनीकांत की वेबसाइट रजनी मंदरम वेबसाइट पर 50 लाख लोगों ने अपना नाम दर्ज कराया है.
इसके साथ ही रजनीकांत ने मंगलवार को मीडिया के सामने अपनी पार्टी का विजन रखा. उन्होंने इंडिया टुडे से खास बातचीत में कहा है कि वह साफ-सुथरी और सकारात्मक राजनीति करने आए हैं.
उन्होंने कहा है, 'मैं मीडिया से दूर ही रहता आया हूं. अब मैं राजनीति में आया हूं तो मुझे नहीं मालूम है कि मुझे खुद को कैसे पेश करना है.' उन्होंने आगे कहा कि मैं राजनीतिक क्रांति करना चाहता हूं और मीडिया की मदद के बिना यह संभव नहीं है.
रजनीकांत ने कहा, 'तमिलनाडु कई राजनीतिक घटनाओं का गवाह रहा है. यहीं महात्मा गांधी ने अपने वस्त्र त्यागे थे. मैं एक राजनीतिक क्रांति लाना चाहता हूं. अगर आज कोई बदलाव आया तो आने वाली पीढ़ियों को बेहतर जिंदगी मिलेगी.'
रजनीकांत ने रविवार को अपनी नई पार्टी बनाने की घोषणा के साथ ही सोमवार को अपनी वेबसाइट और ऐप भी लॉन्च किया था. उन्होंने अपने फैंस से 'ऑल इंडिया रजनीकांत फैंस एसोसिएशन' में अपना नाम दर्ज करने की अपील की है. सभी फैंस क्लब को एक मंच पर लाया जा रहा है.
आध्यात्मिक बनाम धार्मिक?
इसके अलावा, रजनीकांत ने कहा है कि वह आध्यात्मिक राजनीति करेंगे. द्रविड़ राजनीति के गढ़ तमिलनाडु में रजनीकांत के सामने बीजेपी की धार्मिक राजनीतिक से अलग आध्यात्मिक राजनीति करने की चुनौती होगी.
तमिलनाडु में करीब आधी शताब्दी तक द्रविड़ आंदोलन काफी सक्रिय रहा, जिसके मुख्य तत्व तार्किकता और नास्तिकता थे. इस आंदोलन से राजनीतिक पार्टियों और कई नेताओं का जन्म हुआ.
दशकों बाद उभरे नेता भी इन तत्वों के खिलाफ राजनीति करने का साहस नहीं जुटा सके. शायद यही वजह है कि बीजेपी अब तक यहां सफल नहीं हो सकी. हालांकि, विडंबना ही है कि इसी तमिलनाडु में कई फिल्मी कलाकार राजनीति में आए और किसी देवता सा स्वरूप हासिल करते चले गए.
रजनीकांत की आध्यात्मिक नीति बीजेपी के लिए चुनौती भी बन सकती है और उसके लिए जमीन भी तैयार कर सकती है. रजनीकांत की बीजेपी नेताओं से भी करीबी रही है. चूंकि रजनीकांत के फैंस सभी पार्टियों के मतदाता रहे हैं. ऐसे में राज्य की प्रमुख पार्टियों एआईएडीएमके और डीएमके के अलावा बीजेपी की नजर भी रजनीकांत की पार्टी के विस्तृत कार्यक्रम पर लगी होगी.