भाजपा की राजस्थान इकाई में कलह तेज हो गई, पार्टी की नाराज नेता वसुंधरा राजे के वफादार 60 विधायकों ने इस्तीफे की पेशकश की, वहीं पार्टी ने संकट को बहुत ज्यादा तवज्जो न देते हुए उन्हें शांत करने का प्रयास किया.
पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी और अरुण जेटली ने राजे से फोन पर बातचीत करके संकट को शांत करने की कोशिश की. एक दिन पहले राजे ने पार्टी छोड़ने की धमकी दी थी.
विधानसभा में विपक्ष की नेता के एक करीबी सहायक ने कहा कि राजे के समर्थन में 200 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 79 में से 56 विधायकों ने इस्तीफे की पेशकश की है. उन्होंने कहा कि और विधायक राजे के समर्थन में आएंगे.
कोर कमेटी की बैठक में राजे ने भाजपा के वरिष्ठ नेता गुलाबचंद कटारिया की राज्य में प्रस्तावित ‘लोक जागरण यात्रा’ पर आपत्ति जताते हुए पार्टी छोड़ने की धमकी दी थी. कटारिया अपनी इस यात्रा के जरिए वस्तुत: खुद को पार्टी की तरफ से मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर पेश करना चाहते हैं. कटारिया ने बाद में अपनी यात्रा रद्द करने का फैसला किया.
राजे के समर्थकों ने यह भी मांग की कि पार्टी राज्य में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए उन्हें मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर पेश करे.