तेलंगाना की तनातनी बढ़ती जा रही है. कांग्रेस के 6 सांसदों ने अपना इस्तीफा दे दिया है. इनमें से पांच लोकसभा के और 1 राज्यसभा के सांसद हैं.
जिन सांसदों ने इस्तीफा दिया है, उनके नाम हैं- एल राजगोपाल, यू अरुण कुमार, जी वी हर्ष कुमार, अनंत वेंकटरामी रेड्डी, साईं प्रताप और रामचंद्र राव.
इससे पर कांग्रेस नेतृत्व पर तेलंगाना संबंधी अपने फैसले पर पुनर्विचार का दबाव बढ़ाते हुए तटीय आंध्र और रायलसीमा क्षेत्रों के तीन मंत्रियों, दस विधायकों तथा चार विधान परिषद सदस्यों ने गुरुवार को आज इस्तीफा दे दिया.
मुख्यमंत्री के शिविर कार्यालय में गुरुवार को करीब साढ़े चार घंटे तक चली बैठक के बाद मंत्रियों गंता श्रीनिवास राव, ईरासू प्रताप रेड्डी और टी जी वेंकटेश ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री को अपने कैबिनेट से इस्तीफे सौंप दिए.
तेलंगाना को देश का 29वां राज्य बनाने की कांग्रेस ने हरी झंडी तो दिखा दी, लेकिन पार्टी पर इसका साइड इफैक्ट्स नजर आने लगा है. खास कर सीमांध्र के कांग्रेस सांसद इसके खिलाफ हैं. सूत्रों के मुताबिक कुछ केंद्रीय मंत्रियों समेत सीमांध्र के कई सांसद शुक्रवार को इस्तीफा दे सकते हैं.
गुरुवार को दिल्ली में हुई एक अहम बैठक में सीमांध्र के सांसदों के साथ 4 केंद्रीय मंत्री भी थे, जिनमें एचआरडी मंत्री पल्लम राजू भी शामिल थे. साथ ही सीमांध्र के कई सांसद भी मौजूद थे. सूत्रों के मुताबिक देर रात तक हुई बैठक के बाद इस्तीफे का फैसला लिया गया है.
सूत्रों की माने तो अलग तेलंगाना के विरोध में 4 केंद्रीय मंत्री इस्तीफा दे सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक इस्तीफा देने वालों में एचआरडी मंत्री पल्लम राजू भी शामिल हैं.
तेलंगाना पर बढ़ता बवाल कांग्रेस के लिए बड़ी मुसीबत बन सकता है. अगर ऐसा हुआ तो सियासत के खेल कि बिसात पर अलग तेलंगाना का फैसला कांग्रेस के लिए सेल्फ गोल भी हो सकता है.