प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के छह महीने पूरे हो गए हैं. इस दौरान उन्होंने अपने स्टाइल के गर्वनेंस का नमूना पेश किया. उनकी इस शैली ने कइयों के बीच उम्मीद की किरण पैदा की. उन्होंने शासन में सुधार, रोजगार सृजन, बुनियादी सुविधाओं को बढ़ावा तथा स्वच्छ भारत का वादा किया है. हालांकि उनके सियासी विरोधी अब भी मानते हैं कि मोदी सरकार बातों की शेर है, काम की नहीं. अमीरों पर पैसा लुटा रही मोदी सरकार
इस मौके पर जानते हैं मोदी सरकार द्वारा उठाए गए 6 अहम कदम
1. 26 मई को शपथ ग्रहण करने के बाद मोदी ने नौकरशाही से आलस त्यागने की बात कही थी, ताकि सरकार निर्णायक काम कर सके. उन्होंने खुद सभी मंत्रालयों के सचिव से मुलाकात की. सुविधानुसार विभिन्न विभागों में अधिकारियों का ट्रांसफर किया. हर अधिकारी को छूट दी कि अगर उन्हें काम करने में दिक्कत हो रही है तो वो खुद आकर उनसे मिलें. इसका सकारात्मक असर सत्ता के गलियारों में दिखा. भले ही जमीनी तौर पर इसका दावा तो नहीं किया जा सकता पर पूर्व सचिवों का मानना है कि मोदी निर्णायक नेता के तौर पर जरूर उभरे हैं.
2. काले धन मुद्दे पर एसआईटी का गठन
पिछली सरकार को काले धन पर घेरने वाली बीजेपी आज खुद ही इस मुद्दे पर घिरी नजर आ रही है. विपक्ष सवाल उठा रहा है कि मोदी सरकार इस मुद्दे को लेकर गंभीर नहीं है. पर हकीकत भी यही है कि मोदी सरकार ने सत्ता में आने के बाद सबसे पहला फैसला काले धन पर एसआईटी के गठन का किया था. यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार था. बाद में कोर्ट के दबाव में मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के साथ विदेश बैंकों में पैसा जमा करने वाले खाताधारकों का नाम भी साझा किया.
3. मेक इन इंडिया का आह्वान
नरेंद्र मोदी विकास के एजेंडे पर सत्ता में आए. हर क्षेत्र को 24 घंटे बिजली, वर्ल्ड क्लास रोड और रोजगार का वादा किया. जनता आने वाले समय में इसका हिसाब भी मांगेगी. मोदी जानते हैं कि व्यापार ही विकास का एक मात्र जरिया है. इसलिए भारत में बिजनेस के अनुकूल माहौल तैयार करना जरूरी है. एक तरफ यह देश में पैसा तो लाएगा ही साथ में रोजगार पैदा करने का भी काम करेगा. मोदी ने 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से मेक इन इंडिया का आह्वान किया. उनका मकसद देश में विदेशी कंपनियों को बुलाना था. उन्होंने दुनिया के अन्य मुल्कों को साफ संदेश दिया कि भारत सिर्फ बाजार नहीं है, यहां पर बिजनेस के अनुकूल मार्केट भी है. यानी कंपनियां आएं और उत्पादन करें, उपभोक्ता तो यहीं मौजूद है.
4. श्रमेव जयते
मोदी ने स्किल्ड इंडिया और मेक इन इंडिया जैसे कार्यक्रमों की शुरुआत तो कर दी लेकिन चिंता तो उन मजदूरों की भी थी जिनपर इन कार्यक्रमों को सफल बनाने में अहम जिम्मेदारी है. केंद्र सरकार ने उन्हीं मजदूरों के हित के लिए शुरू की श्रमेव जयते. इस योजना के तहत श्रम सुविधा यानी यूनिफाइड लेबर पोर्टल लॉन्च किया गया जिसके तहत 6-7 लाख उद्योगों को सेल्फ सर्टिफिकेशन और सिंगल ऑनलाइन रिटर्न भरने की सुविधा मुहैया कराई गई. मजदूरों के पीपीएफ के लिए एक UAN यानी यूनिवर्सल एकाउंट नंबर मिलेगा जो कंपनी बदलने के बाद भी नहीं बदलेगा. वोकेशनल ट्रेनिंग की सुविधा दी जाएगी जो स्थानीय मांग और जरूरतों के हिसाब से तय होंगी. राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना को असंगठित क्षेत्र के मजदूरों पर भी लागू किया जाएगा.
5. आदर्श ग्राम योजना
आज भी भारत गांवों में बसता है. प्रधानमंत्री मोदी को इसका एहसास है. तभी तो उन्होंने 15 अगस्त को प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना की शुरुआत करने की बात की. इस योजना के तहत हर सांसद को एक गांव गोद लेना है. हर एमपी के नेतृत्व और प्रयत्न से एक साल में 800 गांवों का कायाकल्प होगा. लोकसभा सांसद को अपने क्षेत्र से गांव चुनना होगा और राज्यसभा सांसद जिन राज्यों से चुन कर आएं हैं वहां का गांव गोद ले सकते हैं. मनोनीत सांसद देश के किसी भी जिले में गांव को गोद ले पाएंगे. सांसद को तुरंत एक गांव गोद लेना होगा और थोड़े वक्त के बाद दो गांव और चुनने होंगे.
6. स्वच्छ भारत अभियान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सबसे महत्वाकांक्षी योजनाएं में से एक है स्वच्छ भारत अभियान. इसे लेकर पूरे देश में जोर-शोर से काम चल रहा है. मोदी ने 2 अक्टूबर यानी महात्मा गांधी की जयंती पर खुद झाड़ू लगाकर इस योजना की शुरुआत की. यह योजना पांच साल की है. मोदी चाहते हैं कि 2019 में जब महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाई जाए तो पूरा देश स्वच्छ हो. क्योंकि बापू हमेशा से ही स्वच्छता के पक्षधर रहे, चाहे वह मन की हो या तन की. मोदी ने इस मिशन से कई नामी लोगों को जोड़ा. इस योजना को उनके सियासी विरोधियों का भी समर्थन मिला. सांसद शशि थरूर से लेकर असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने भी तारीफ की.
इन सबके अलावा मोदी सरकार ने पुराने अप्रासंगिक कानूनों को खत्म करने की पहल की. नमामि गंगे, जन धन योजना, सरदार पटेल आवास योजना तथा जीवन प्रमाण जैसी योजनाएं शुरू की हैं. वैसे इन योजनाओं की शुरुआत तो हो गई है, अब यही उम्मीद है कि ये हकीकत में भी नजर आएंगे.