कोयला घोटाले की तपिश धीरे-धीरे और तेज होती जा रही है. सरकार ने कुछ और कोयला ब्लॉकों का आवंटन रद्द करने का निर्णय लिया है.
सरकार ने निर्धारित समयसीमा में खानों का विकास नहीं करने पर छह और कोयला खानों को रद्द करने तथा सात अन्य की बैंक गारंटी काटे जाने का बुधवार को निर्णय किया. ये कोयला खानें निजी कंपनियों को आवंटित की गई थीं.
सूत्रों ने बताया, ‘कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने अंतर-मंत्रालयी समूह (आईएमजी) की छह और कोयला खानों को रद्द करने तथा सात की बैंक गारंटी काटने की सिफारिश को मंजूरी दे दी.’ इससे पहले सरकार सात खानों का लाइसेंस रद्द करने तथा सात अन्य की बैंक गारंटी काटे जाने की घोषणा कर चुकी है.
सूत्रों ने बताया कि जिन खानों को बुधवार को रद्द किया गया, उनमें ग्रासिम इंडस्ट्रीज एंड इलेक्ट्रोथर्म को आवंटित भास्करपाड़ा खान, आईएसटी स्टील एंड पावर को आवंटित दाहेगांव मकरधोकरा 4, इलेक्ट्रोस्टील कास्टिंग्स को आवंटित उत्तरी धादू, रूंगटा माइन्स को दी गई चोरीतांड तिलैया तथा महाराष्ट्र सीमलेस को आवंटित गोंदखरी खान शामिल है.
जिन सात कोयला खानों की बैंक गारंटी काटे जाने का निर्णय किया गया उनमें आर्सेलर मित्तल तथा जीवीके पावर को संयुक्त रूप से आवंटित सेरेगढ़ा खान, जायसवाल नेको को दिया गया मोइत्रा खान, नीलांचल आयरन एंड स्टील को आवंटित डुमरी खान तथा डीबी पावर को दिया गया दुर्गापुर दो-सरैया खान शामिल हैं.
इसके साथ ही मंत्रालय ने आईएमजी की सभी सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है. आईएमजी निजी कंपनियों को आवंटित 31 कोयला खानों की समीक्षा के बाद 13 खानों का आवंटन रद्द करने तथा 14 खानों की बैंक गारंटी काटे जाने की सिफारिश की थी. दाहेगांव मकरधोकरा 4 खान सीमेंट कंपनी गुजरात अंबुजा तथा लाफार्ज इंडिया के साथ आईएसटी स्टील एंड पावर को 2009 में दी गई थी. इस खान में 4.88 करोड़ टन कोयला निकाले जाने का अनुमान है.
भास्करपाड़ा खान स्पांज आयरन परियोजना के लिसे संयुक्त रूप से ग्रासिम इंडस्ट्रीज एंड इलेक्ट्रोथर्म को 21 नवंबर 2008 को दी गई थी. ये दोनों खान छत्तीसगढ़ में स्थित है. झारखंड स्थित उत्तरी धादू खान जनवरी 2006 में आवंटित की गई थी. जहां 34 करोड़ टन निकाले जाने का अनुमान है. झारखंड में ही चोरीतांड तिलैया खान का आवंटन पिग आयरन परियोजना के लिये मई 2008 में किया गया था. यहां से 7.08 करोड़ टन कोयला निकलने का अनुमान है. महाराष्ट्र स्थित गोंडखरी खान नवंबर 2008 में आवंटित की गई थी.