भूकंप ने मकानों की सुरक्षा के बारे में चिंताएं बढ़ा दी हैं. अगर मकान भूकंप की चपेट में आ जाए तो क्या करेंगे? इसके लिए पहले ही मकान का इंश्योरेंस लिया जा सकता है जिसका रोजाना का इनवेस्टमेंट 6 से 12 रुपये तक होगा. अगर किसी प्राकृतिक आपदा में मकान को नुकसान पहुंचता है तो उसे दोबारा बनाने का खर्च आपको नहीं उठाना पड़ेगा.
अंग्रेजी अखबार 'द इकोनॉमिक टाइम्स' ने बजाज आलियांस के एमडी और सीईओ तपन सिंघल के हवाले से लिखा है कि आग और आपदा से सुरक्षा के मामले में 60 रुपये के प्रीमियम पर एक लाख रुपये का कवर मिल सकता है. इसमें मकान को प्राकृतिक आपदा और मानव निर्मित आपदाओं से सुरक्षा मिलती है. हालांकि जो लोग यह कवर ले सकते हैं, उनमें एक फीसदी से भी कम लोग इसका इस्तेमाल कर पाते हैं.
बहुत कम लोग कर पाते हैं होम इंश्योरेंस का इस्तेमाल
ध्यान रहे कि होम इंश्योरेंस में मकान को फिर से बनाने का खर्च कवर होता है. यह प्रॉपर्टी की कीमत के बराबर नहीं होता है. मकान का सामान्य ढांचा दोबारा खड़ा करने में 1800 रुपये प्रति वर्गफुट की लागत आती है. बेहतर कंस्ट्रक्शन में यह खर्च 3500 रुपये प्रति वर्ग फुट तक जाता है. 2000 वर्ग फुट के मकान के लिए 35-70 लाख रुपये तक इंश्योरेंस लिया जा सकता है. इतने के इंश्योरेंस का प्रीमियम लगभग 2100 से 4200 रुपये सालाना होगा.
अगर पॉलिसी 10 साल या इससे लंबे वक्त के लिए लें तो यह प्रीमियम घट भी सकता है क्योंकि इंश्योरेंस कंपनियां इस पर डिस्काउंट देती हैं. हालांकि अभी कंस्ट्रक्शन कॉस्ट बढ़ सकती है. होम इंश्योरेंस के बजाय मकान के कंटेंट्स के लिए बीमा पॉलिसी लेना सस्ता पड़ता है.
स्विस आरई की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल प्राकृतिक आपदाओं और इंसानी हरकतों के चलते होने वाली आपदाओं से एशिया में 52 अरब डॉलर का नुकसान हुआ था, लेकिन इसमें से सिर्फ 10 फीसदी हिस्से की प्रॉपर्टी का ही बीमा हो रखा था. सितंबर 2014 में इंडिया में आई बाढ़ के चलते बहुत से मकान ढह गए थे, जिससे कुल 4.4 अरब डॉलर का नुकसान हुआ था.