भारत नेपाल सीमा पर सिक्किम के पास आये भूकंप के बिहार में भीषण तबाही की आशंका व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सभी मकानों को भूकंप रोधी बनाना होगा.
नीतीश कुमार ने भूकंप में मारे गये लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि बिहार में अगर 6.7 या 6.8 तीव्रता का भूकंप आया होता तो भारी तबाही मच गयी होती.
यदि भूकंप का केंद्र पटना में होता तो मकान के मलबों के नीचे दबकर लाखों लोग काल कवलित हो जाते. उन्होंने कहा कि वे दो हजार छह से ही कह रहे हैं कि राज्य में भूकंप रोधी मकान बनने चाहिए.
उन्होंने कहा कि भूकंप के झटके के बाद राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को लोगों को जागरुक करने और एहतियात बरतने के लिए जानकारी दे रहा है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पटना में लोग जिस प्रकार बेतरतीब मकान बना रहे हैं, वे अपने पैर पर कुल्हाड़ी मार रहे हैं. भूकंप आयेगा तो संकरी गलियों में राहत कार्य चलाने के लिए वाहनों का चलना भी कठिन होगा.
नीतीश कुमार ने कहा कि हर स्तर पर स्कूल से लेकर वरिष्ठ नागरिक सभी को भूकंप के निरोधात्मक उपाय के बारे में जानकारी देने का प्रयास कर रहे हैं.
बिहार भूकंप आशंका वाले क्षेत्र-चार में आता है जो बहुत खतरनाक है. राज्य में दो हजार छह से ही सभी विभागों के भवन निर्माण कानून में परिवर्तन कर भूकंपरोधी प्रावधान किया गया है.
अधिकारियों के साथ राज्य आपदा प्रबंधन विभाग राजमिस्त्रियों को भी प्रशिक्षण दे रहा है. मुख्यमंत्री ने राज्य के लोगों से आग्रह किया कि राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण भूकंप से बचाव के जो भी सलाह दे उसका पालन करना चाहिए.