पुणे के इनकम टैक्स अधिकारियों ने शहर के एक नामी ज्वैलर के दो शोरूम पर औचक तलाशी अभियान चलाया है. आजतक को पुणे इनकम टैक्स विभाग के मुख्यालय के सूत्रों से इस तलाशी अभियान और वहां से जब्त दस्तावेजों के बारे में पुष्ट जानकारी मिली है. सूत्रों के अनुसार ज्वैलर्स द्वारा नोटबंदी के दिन ही अलग-अलग बैक खातों में 60 करोड़ रुपये जमा करने का विवरण मिला है.
प्राप्त विवरण के अनुसार पुणे के मराठे ज्वैलर्स ने चार अलग-अलग बैंक खातों में नोटबंदी के तत्काल बाद 60 करोड़ रुपए जमा किए. ज्वैलर्स के बैंक एकाउंट के बारे में और जानकारी हासिल की जा रही है, लेकिन पता चला है कि ज्वैलर्स ने यह दिखाए कि यह 60 करोड़ रुपए उसे अक्टूबर के अंतिम हफ्ते और नवंबर के पहले हफ्ते में बिक्री से हासिल हुए हैं. आयकर विभाग की जांच में यह भी पता चला है कि पिछले वित्त वर्ष में इस ज्वैलर के दो शोरूम द्वारा कुल बिक्री ही महज 70 करोड़ रुपये थी, ऐसे में महज दो हफ्ते में 60 करोड़ की बिक्री दिखाना पचने लायक बात नहीं है. यही नहीं आयकर विभाग के अधिकारियों को यह भी पता चला है कि 45 करोड़ रुपये के लेन-देन वाले बिल से संबंधित कोई पैन कार्ड विवरण नहीं है और ग्राहकों का जो विवरण बताया गया है वह बिक्री के बिल से मेल नहीं खाता.
आजतक की टीम भी मराठे ज्वैलर्स के लक्ष्मी रोड, पुणे स्थित शोरूम गई और उनके मालिक मिलिंद मराठे से उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया. उन्होंने बिक्री और बहीखाते में किसी तरह के अंतर से इंकार किया. उन्होंने कहा कि आइटी विभाग जिस रकम की जांच कर रही है वह इस साल दिवाली पर होने वाली बिक्री से हासिल किया गया है. मिलिंद मराठे ने कहा कि मराठे ज्वैलर्स इनकम टैक्स विभाग द्वारा की गई तलाशी अभियान में उनका पूरी तरह से सहयोग किया.