आंध्र प्रदेश पुलिस के हाथों मारे गए 20 मजदूरों की मौत पर विरोध का स्वर लगातार ऊंचा होता जा रहा है. इसी बीच तमिलनाडु के एक ग्रामीण ने दावा किया है कि आंध्र प्रदेश पुलिस ने घटना से पहले 20 मजदूरों में से सात को दोनों राज्यों की सीमा के पास एक बस से उतारा था.
अंग्रेजी अखबार 'द इंडियन एक्सप्रेस' ने इस बारे में खबर प्रकाशित की है. तिरुवन्नामलाई जिले में अरनी के पास वेट्टागिरीपलयम के रहने वाला शेखर मंगलवार को अपने घर जल्दी लौट आया. इस समय के आसपास तिरुपति के पास शेषाचलम के जंगलों में लाल चंदन एंटी टास्क फोर्स ने 20 लोगों को मार गिराया.
पुलिस का दावा है कि उन लोगों को लाल चंदन काटने के लिए तस्करों ने हायर किया था और पुलिस से सामना होने पर उन सात लोगों ने टास्क फोर्स पर हमला कर दिया.
शेखर ने अपने रिश्तेदारों और ग्रामीणों को बताया, 'उन सात मजदूरों के साथ वह भी बस में सवार में था, जिसे आंध्र प्रदेश पुलिस ने सोमवार को रुकवाया था.' शेखर के मुताबिक पुलिस वालों ने उन सातों मजदूरों को उतरवा लिया, जबकि एक महिला के बगल में बैठे होने से पुलिस वालों ने उसे महिला का पति समझा.
शेखर सहित आठ लोग सोमवार की दोपहर वेट्टागिरीपलयम में अपने घर से निकले थे, लेकिन केवल शेखर मंगलवार की दोपहर अपने घर लौट पाया. घंटों बाद पुलिस ने तस्वीरें जारी कर कहा कि सात मजदूर सहित 20 तस्कर मुठभेड़ में मारे गए.
कन्नामंगलम डीएसपी एन. मणि ने कहा, 'मोबाइल कंपनी को दिए गए उनके एड्रेस प्रूफ से सभी मजदूरों के घरों पता लगाया गया और एनकाउंटर साइट से ली गई तस्वीरों को लेकर हम सभी के घरों में गए.' मणि ने कहा कि शेखर के बयान की जांच होगी.
मणि के मुताबिक शेखर पुलिस से डर रहा है और सामने आने से कतरा रहा है. उन्होंने कहा कि उसे ढूंढ़ना थोड़ा मुश्किल हो रहा है क्योंकि कुछ मीडिया वालों ने उस तक पहुंच बना ली है.