फेसबुक ने मोहल्ले में पड़ी उस चारपाई की जगह ले ली है, जहां इकट्ठे होकर लोग समाजिक विमर्श यानी चुगलियां किया करते थे. इकट्ठा होने के बाद चुगलियों की परंपरा का विस्तार करते हुए फेसबुक पर मन की बात, प्यार का इजहार, गुस्सा, दर्द और पसंद की तस्वीरें भी पाई जाने लगी. लेकिन कुछ लोग तो इतने पक्के फेसबुकिए होते हैं कि पल-पल की खबर फेसबुक पर एक जिम्मेदार फेसबुकिए की तरह डालते रहते हैं. आगे जानिए उन लक्षणों को, जिनसे आप एक पक्के 'फेसबुकिए' की पहचान कर सकते हैं.
खाऊंगा बाद में, फोटो पहले खींच लूं: अगर आपके पास कोई ऐसा है, जो खाने की थाली सामने आने पर खाने से पहले उसकी तस्वीर ले. तो समझ जाइए कि ये वाया इंस्टाग्राम फोटो फेसबुक पर डाली जाएगी.
पूरी कुंडली फेसबुक पर रहेगी: फीलिंग सैड..हैप्पी..कंफ्यूज. मतलब शरीर और दिमाग में ग्रहों की क्या चाल चल रही है. वो इसकी पूरी जानकारी फेसबुक पर दिए रहता है.
मेरे को कोने में रखियो: किसी शादी या घूमने जाने पर वो अपने दोस्तों से अक्सर किसी फिक्स लोकेशन में खड़े रहकर ये कहता हुआ पाया जाता है कि मुझे तस्वीरे के कोने में रखियो. फेसबुक पर कवर लगाना है. या फेस जूम कर, चूंकि डीपी लगानी है.
गांव वालों, मैं टंकी पर हूं: घोर फुसबुकिया कहीं भी जाएगा. Check in जरूर करेगा. जैसे शोले फिल्म में वीरू पानी की टंकी पर चढ़ते ही चिल्ला चिल्ला कर लोगों को बता देता है.
अपनी फोटो और पोस्ट पर अचानक लाइक कमेंट: घोर फेसबुकिया अपनी सालों पुरानी फोटो पर किसी के किए कमेंट के लिए महीनों बाद थैंक्स या स्माइली बनाता है. इसका फेसबुक फायदा ये है कि फोटो, पोस्ट ट्रेंड में आ जाती है.
पुरानी अलबम पाकर खुश: फेसबुक पर बहुत ज्यादा एक्टिव रहने वाले लोग घर या रिश्तेदारी में कोई पुरानी अलबम में अपनी तस्वीर पाकर खुश हो जाता है. वो तस्वीर की तस्वीर लेता है और फेसबुक पर once upon a time टाइप कैप्शन के साथ तस्वीर शेयर करता है.
24 घंटे ऑनलाइन: एक फेसबुकिया वही है जो 24 घंटे ऑनलाइन रहता है. वो ऑनलाइन रहते ही सोता है और जागते ही फेसबुक पर गुडमार्निंग फ्रेंड्स टाइप पोस्ट गिराता है.