एक बेहद अहम घटनाक्रम में सुप्रीम कोर्ट ने 8 दोषियों की फांसी पर रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट ने बेहद तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि अफजल केस जैसी गलती दोहराई नहीं जानी चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट ने जिन 8 दोषियों की फांसी पर रोक लगाई है, उनकी दया याचिका राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने खारिज कर दी थी. इस मामले की सुनवाई शनिवार शाम को जज के आवास पर हुई. फांसी पर फिलहाल 4 हफ्तों के लिए रोक लगाई गई है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फांसी के बाद अफजल के परिवार को इस बारे में बताया गया. कोर्ट ने कहा कि ये बुरा हुआ था, ऐसी गलती दोहराई नहीं जानी चाहिए.
गौरतलब है कि संसद पर हमले के मामले में दोषी अफजल गुरु को बेहद गोपनीय तरीके से तिहाड़ के अंदर फांसी दे दी गई थी. उसे तिहाड़ में ही दफना दिया गया था. अफजल के परिजनों ने आरोप लगाया था कि उन्हें फांसी की कोई सूचना नहीं दी गई.दूसरी ओर केंद्र सरकार ने अफजल के परिजनों का आरोप खारिज करते हुए कहा था कि फांसी के बारे में सूचना स्पीड पोस्ट के जरिए दी गई थी. बहरहाल, मामला एक बार फिर तूल पकड़ता नजर आ रहा है.
क्या है पूरा मामला...
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने फांसी की सजा पाए 9 गुनहगारों की दया याचिका पर इसी हफ्ते फैसला सुनाया था. ये सभी 9 मुजरिम सात अलग-अलग मामलों में दोषी पाए गए थे. इनमें से एक धर्मपाल नाम का शख्स हरियाणा में रेप और हत्या का दोषी है.
सात अलग-अलग मामलों में से 5 मामलों में राष्ट्रपति ने 7 लोगों की फांसी की सजा बरकरार रखी, जबकि दो मामलों में फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया.