योजना आयोग को हटाकर जो नई संस्था आएगी, उसमें आठ सदस्य हो सकते हैं. इस पैनल में अर्थशास्त्र, सोशल सेक्टर, सरकार, उद्योग और शिक्षा जगत के लोग होंगे.
सूत्रों के मुताबिक सरकार इस पैनल पर चर्चा कर रही है, कुछ ही हफ्ते में इस नई संस्था की घोषणा होने की संभावना है. इन आठ लोगों में चार सदस्य सरकार से जबकि चार गैर-सरकारी होंगे.
इस पैनल के मुखिया खुद प्रधानमंत्री होंगे या फिर अगर पीएम इसकी अगुवाई न करना चाहें तो एक चेयरमैन की नियुक्ति होगी. इस नए पैनल में राज्य सरकार का अहम रोल होगा.
योजना आयोग ने 26 अगस्त को अपने पूर्व उपाध्यक्ष और सदस्यों की बैठक बुलाई है, नई संस्था और नए पैनल पर चर्चा होगी. योजना आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने कहा, ‘यह सही है कि उन्होंने बैठक बुलाई है. उन्होंने मुझे न्योता दिया है. लेकिन मैं दिल्ली में नहीं रहूंगा, इसलिए उन्हें अपनी टिप्पणियां लिखित में भेजूंगा.’
बैठक में शामिल होने के लिए जिन पूर्व सदस्यों को आमंत्रित किया गया है, उनमें अभिजीत सेन, अरण मैरा, बी के चतुर्वेदी, सौमित्र चौधरी, सईदा हामीद और नरेंद्र जाधव शामिल हैं. इस बैठक में कुछ विशेषज्ञों और अर्थशास्त्रियों के भी शामिल होने की उम्मीद है.
गौरतलब है कि 15 अगस्त के मौके पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि 64 साल पुराने योजना आयोग को जल्द से जल्द नए संस्थान में बदला जाएगा, जिससे मौजूदा आर्थिक चुनौतियों से निपटा जा सके और संघीय ढांचे को मजबूत किया जा सके.
मोदी ने कहा था, ‘कई बार घर की मरम्मरत जरूरी हो जाती है. इसमें काफी पैसा लगता है, लेकिन इससे हमें संतुष्टि नहीं होती. तब हमें लगता है कि हम नया घर ही बना लें.’
प्रधानमंत्री ने 19 अगस्त को लोगों से इस संस्थान के बारे में विचार आमंत्रित किए थे. उन्होंने कहा था कि सरकार प्रस्तावित नई संस्था को ऐसा बनने की कल्पना की है जो 21वीं सदी के भारत की आकांक्षाओं को पूरा कर सके और राज्यों की भागीदारी मजबूत कर सके. विचारों का प्रवाह होने दीजिए. प्रधानमंत्री ने इस बारे में लोगों से राय आमंत्रित की थी.