प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख अपनाने के दावे करते हैं, लेकिन तथ्य यही है कि उनकी सरकार बनने के बाद पाकिस्तान की ओर से सीजफायर की घटनाएं पहले के मुकाबले बढ़ी हैं.
जम्मू-कश्मीर में एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सीजफायर उल्लघंन की घटनाओं में तेजी आई है. सूत्रों के मुताबिक, 16 मई को मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद एलओसी पर पुंछ, राजौरी और पल्लनवाला सेक्टर में 30 से 40 बार सीजफायर तोड़ा गया है. वहीं कठुआ के पहाड़पुर इलाके से अखनूर तक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर 11 बार सीजफायर का उल्लंघन हुआ है.
12 घंटे की शांति के बाद बीती रात पड़ोसी मुल्क ने जम्मू-कश्मीर के मेंढर स्थित हमीरपुर में एक बार फिर फायरिंग की. भारतीय सेना ने भी जबावी कार्रवाई की.
पाकिस्तानी सैनिकों की इस सक्रियता की आखिर वजह क्या है? क्या मोदी सरकार आने के बाद पाकिस्तान किसी विशेष रणनीति से काम कर रहा है? वजह हम आपको बताते हैं:
1. पाकिस्तानी सेना भारतीय सैनिकों का मन भांपने के लिए फायरिंग कर रही है. पाकिस्तान यह जानना चाहता है कि क्या नई सरकार बनने के बाद भारत की रणनीति में कोई बदलाव आया है या सैनिकों को कोई विशेष दिशा-निर्देश दिए गए हैं.
2. पाकिस्तान सर्दियां शुरू होने से पहले-पहले एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर फायरिंग करके आतंकियों को घुसपैठ का मौका देना चाहता है. बताया जाता है कि सीमा के उस पार करीब 300 आतंकी भारत में घुसने की फिराक में हैं.
3. इमरान खान और कादरी का सत्ता विरोधी आंदोलन पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के लिए गले की फांस बन गया है. ऐसे में वह निश्चित ही पाकिस्तानी लोगों और मीडिया का ध्यान बंटाना चाहेंगे.
4. ताकि पाकिस्तान के लोगों में यह संदेश जाए कि भारत-पाक सीमा पर तनाव है और भारत पाकिस्तान पर हमला कर सकता है.
5. जम्मू-कश्मीर में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई सूबे में शांति भंग करने के प्रयास में है.
6. दूसरे देशों का ध्यान आकर्षित करना ताकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह संदेश जाए कि कश्मीर विवाद अब भी बरकरार है.
7. विदेश सचिव स्तर की वार्ता रद्द किए जाने के बाद पाकिस्तानी सरकार अपने फायदे के लिए नागरिकों को यह संदेश देना चाहती है कि दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है.
8. मोदी सरकार ने सचिव स्तर की वार्ता इसलिए रद्द की क्योंकि चार प्रदेशों में विधानसभा चुनाव होने हैं और बीजेपी लोगों को यह संदेश देना चाहती है कि उसने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा फैसला लिया है.