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पायलटों की हड़ताल से मुसीबत में फंसे यात्री

देशभर में हवाई यात्रा आज मुसीबत का सबब बनी हुई है क्योंकि एयर इंडिया के करीब 800 पायलट हड़ताल पर हैं. उन्हें अपना वेतन बढ़वाना है. मैनेजमेंट पैसे देना नहीं चाहता और चक्की के बीच पिस रहे हैं आम लोग.

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देशभर में हवाई यात्रा आज मुसीबत का सबब बनी हुई है क्योंकि एयर इंडिया के करीब 800 पायलट हड़ताल पर हैं. उन्हें अपना वेतन बढ़वाना है. मैनेजमेंट पैसे देना नहीं चाहता और चक्की के बीच पिस रहे हैं आम लोग.

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पायलटों की हड़ताल का असर देश के तमाम शहरों पर पड़ रहा है. हवाई मुसाफिरों के लिए ये सुबह आफत की सुबह है. आधी रात के वक्त ही इस मुसीबत की बुनियाद पड़ गई थी. एयर इंडिया के करीब 800 पायलट आधी रात से ही हड़ताल पर चले गए हैं. जाहिर है ऐसे में संकट विमान के उड़ने का होता है.

हड़ताल का सबसे ज्यादा असर घरेलू उड़ानों पर होगा क्योंकि सारे पायलट इंडियन एयरलाइंस के ही हैं. पायलटों ने वेतन वृद्धि की मांग में ये हड़ताल की है. हड़ताल का एलान करने वाली इंडियन कमर्शियल पायलट एसोसिएशन यानि आईसीपीए का आरोप है कि इंडियन एयरलाइंस और एयर इंडिया के पायलटों के वेतन भत्तों और काम में भेदभाव किया जाता है. उनकी मांग है कि इंडियन एयरलाइंस के पायलटों के लिए एयर इंडिया जैसे वेतन भत्ते और काम के घंटे निर्धारित हों.

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हड़ताल से पहले पायलटों की मांग पर चीफ लेबर कमिश्नर और एयर इंडिया मैनेजमेंट के साथ कई हफ्तों से चल रही बातचीत विफल हो गई. हड़ताल का नोटिस तो 23 फरवरी को ही दिया गया था. लेकिन बातचीत के चलते समयसीमा बढ़ने और फिर दिल्ली हाईकोर्ट की रोक से 16 मार्च से होनेवाली हड़ताल टल गई थी. लेकिन बातचीत विफल होने के बाद आईसीपीए ने हड़ताल का ऐलान कर दिया.

हालांकि केंद्रीय उड्डयन मंत्री व्यालार रवि ने इस मामले में तीन सदस्यों की एक कमेटी बनाई है. लेकिन मुसाफिरों की मुसीबतों का उपाय यहां भी नहीं है. मैनेजमेंट का दावा है कि हड़ताल से ज्यादा असर नहीं पड़ेगा. मैनेजमेंट कोटे के पायलटों की सेवाएं लेकर इस बात की कोशिश की जा रही है कि व्यापक पैमाने पर विमान सेवाओं में कोई दिक्कत ना हो. लेकिन करीब 800 पायलट की कमी पूरी कर पाना शायद इतना आसान काम भी नहीं होगा.

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