किसी एक गांव में कैंसर के कितने मरीज हो सकते हैं? दो, चार या फिर ज्यादा से ज्यादा आठ-दस. लेकिन हरियाणा के एक गांव में कैंसर के सैकड़ों मरीज हैं. कैंसर से भी ज्यादा यहां एक रहस्यमय बीमारी ने क़हर बरपा रखा है, जिसके शिकार हैं बच्चे.
अंबाला के पास बसा है नखदौली गांव है जो अब बीमारियों का गांव बन चुका है. 2000 की आबादी वाले इस गांव में 800 से ज्यादा लोग किसी ना किसी गंभीर बीमारी के चंगुल में फंसे हैं.
लेकिन सबसे चौंकाने वाले बीमारी के शिकार हैं बच्चे. ये बीमारी क्या है, कैसे यहां फैली है और इसका इलाज क्या है, कोई नहीं जानता. जो भी इसकी चपेट में आता है, पहले उसकी चमड़ी उतरने लगती है, फिर वो धीरे-धीरे कमजोर होता चला जाता है और अंत में मर जाता है. 8 साल की निकिता भी इसी रहस्यमय बीमारी की शिकार है. इस मासूम को ना तो रात में नींद आती है ना दिन में चैन मिलता है. उसके मां-बाप कैंसर के मरीज हैं और मदद करने वाला कोई नहीं है.
निकिता के पिता सतपाल ने बताया, ‘हम इसको कई डॉक्टरों को दिखा चुके हैं, पीजीआई में भी दिखाया लेकिन आराम कहीं से नहीं मिला. मैं खुद भी कैंसर का मरीज हूं.’
हरियाणा की गिनती देश के विकसित राज्यों में होती है, लेकिन इस गांव की तस्वीर दूसरी है.
नखदौली गांव के सरपंच सुभाष कहते हैं, ‘गांव में बीमारी है, किसी को कैंसर, किसी को पथरी लेकिन मदद नहीं मिलती.’
ये वो इलाका है, जहां के खेतों में खाद और कीटनाशकों का अंधाधुंध इस्तेमाल हुआ. आसपास की फैक्ट्रियों से निकली गंदी हवा और गंदे पानी ने भी यहां ज़हर घोला. लेकिन नखदौली की बीमारियों की वजह वही केमिकल हैं, ये भी अभी पक्के तौर पर कोई नहीं कह पा रहा.