दिल्ली के होटल ताज पैलेस में शुक्रवार को इंडिया टुडे का आठवां कॉनक्लेव शुरू हुआ. हर बार की तरह इस बार भी यह कॉनक्लेव एक नए मुद्दे पर है और इस बार मुद्दा है- 'बदलाव की चुनौतियां'.
दो दिन के इस कॉनक्लेव के उद्धाटन भाषण में इंडिया टुडे के एडीटर इन चीफ अरुण पुरी ने कहा कि कॉनक्लेव का विषय बहुत ही प्रासंगिक है. पिछले साल विषय था 21वीं सदी में नेतृत्व. नेतृत्व का मतलब होता है बदलाव और इसका तार्किक विस्तार है कि हम बदलाव की ओर देख रहे हैं क्योंकि इस साल विश्व में भारी बदलाव की संभावना है.
पुरी ने कहा कि यह कॉनक्लेव लोकतंत्र का पर्व है, जिसे इंडिया टुडे ने जिंदा रखा है. इस कॉनक्लेव में खुलकर बहस करने की गुंजाइश है. यहां दिमाग सीमाएं तोड़कर सोचता है.
अरुण पुरी ने कहा कि कॉनक्लेव का विषय होगा बदलाव की चुनौतियां, लेकिन ये कॉनक्लेव समाचारों से भरा होगा. उन्होंने कहा कि देश में बड़ी पार्टियां मृतप्राय होती जा रहीं है और छोटी पार्टियां मौके को तेज निगाह से देख रही हैं.
दलाई लामा कॉनक्लेव का उद्घाटन करेंगे, जो खुद खबरों में हैं क्योंकि 11 मार्च को तिब्बत छोड़ने की 50वीं वर्षगांठ है. वो अपने लोगों के लिए पिछले 60 सालों से संघर्ष कर रहे हैं. वह उनलोगों में से हैं जो बदलाव की चुनौतियों से अच्छी तरह वाकिफ हैं. इनके अलावा पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ डिनर पर होंगे. पाकिस्तान भी खबरों में है. लोग जानना चाहेंगे कि मुंबई में क्या हुआ और पाकिस्तान में क्या हो रहा है.
2008 के कॉनक्लेव में पूरी दुनिया ने वैश्विक नेतृत्व की चुनौतियों पर अपने विचार रखे थे. दुनिया के तमाम नेता और वक्ता इस बार बहस करेंगे नए विचारों पर, नए नेतृत्व पर जो इस पूरी शताब्दी के लिए सबक बन सके.