बुजुर्ग होते ही क्या इंसान इतना बेकार हो जाता है कि उसे कूड़े की तरह उठाकर फेंक दिया जाए. जिस बेटे को जन्म दिया, पाल पोस कर बड़ा किया, उसी ने पिता को ज़ंजीरों में बांध दिया. दर्द में डूबी ये कहानी उसी बैंगलोर की है जहां मंगलवार को एक 26 साल की युवती को कैद से रिहा कराया गया था.
आईटी सिटी बेंगलुरु को आख़िर हो क्या गया है. पहले एक युवती को 4 साल की कैद से रिहाई मिली तो अब 91 साल के एक बुज़ुर्ग पर ज़ुल्म की दास्तान सामने आ गई.
91 साल के अनंत रामा शेट्टी के 4 बेटे और 2 बेटियां हैं. जिस बेटे ने उन्हें अपने साथ रखने की ज़हमत उठाई उसी ने पिता का ये हाल कर दिया. घर की छत पर बनी पानी की
टंकी के नीचे पिछले 2 बरस से बांधकर रखा. बारिश, आंधी, तूफ़ान सब झेलते रहा ये लाचार बुज़ुर्ग. बेटा कहता है कि उसने पिता की भलाई के लिए ही ऐसा किया था. मगर पड़ोसियों की राय अलग है.
आरोपी बेटे सुरेश ने बताया, 'हम उन्हें घर में ही रखते थे लेकिन वो कभी भी, कहीं भी गंदगी कर देते थे. इसीलिए हमने उन्हें यहां रखा. वैसे शाम को हम उन्हें वापस ले जाते थे.'
लेकिन पड़ोसियों ने बताया, 'उनके बेटे और परिवार के लोग बहुत रुखा व्यवहार करते थे. हमने मदद करनी चाही तो कह दिया कि अपने ही घर में क्यों नहीं रख लेते. महीनों से उन्हें ज़ंजीर में बांधकर रखा हुआ था.' पुलिस को कहीं से भनक लग गई, तब जाकर अनंत शेट्टी को ज़ंजीरों से रिहाई मिली.
पुलिस ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया. अनंत शेट्टी अभी कुछ बता पाने की हालत में नहीं है. पुलिस आगे की कार्रवाई के लिए उनकी हालत सुधरने का इंतज़ार कर रही है ताकि उनका बयान दर्ज किया जा सके.