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कैश फॉर वोट मामला: पैसे के स्रोत का पता लगाए पुलिस

संसद में 2008 में विश्वास मत के दौरान लहराई गई नोटों की गड्डियों से जुड़े वोट के लिए नोट मामले की सुनवाई कर रही यहां की एक अदालत ने एक आरोपी की इस मामले में आगे की जांच कराने की मांग वाली याचिका सोमवार को स्वीकार कर ली.

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संसद में 2008 में विश्वास मत के दौरान लहराई गई नोटों की गड्डियों से जुड़े वोट के लिए नोट मामले की सुनवाई कर रही यहां की एक अदालत ने एक आरोपी की इस मामले में आगे की जांच कराने की मांग वाली याचिका सोमवार को स्वीकार कर ली.

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विशेष न्यायाधीश संगीता ढींगरा सहगल ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व सांसद फग्गन सिंह कुलस्ते की उस याचिका को स्वीकार किया, जिसमें कहा गया था कि मामले में पैसे के स्रोत का पता लगाने के लिए पुलिस को निर्देश दिया जाए. अदालत ने कहा, "जांच एजेंसी को सर्वोच्च न्यायालय के दो सितम्बर, 2011 के उस आदेश की याद दिलाई जाती है जिसमें पैसे के स्रोत का पता लगाने का निर्देश दिया गया था. जांच एजेंसी ने ऐसा करने का वचन भी दिया था."

अदालत ने छह सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है. कुलस्ते के वकील अनिल सोनी ने अदालत से इससे पहले आग्रह किया था कि वह पुलिस को उस व्यक्ति का पता लगाने का निर्देश दे जो इस मामले के स्टिंग ऑपरेशन के वीडियो में पीले रंग का कुर्ता पहने दिखाई पड़ता है. सोनी ने कहा, "मामले में दायर किए गए आरोपपत्र में इस व्यक्ति के बारे में ब्योरा देने में पुलिस असफल रही है. पुलिस को यह बताना चाहिए कि पीले कुर्ते वाला व्यक्ति आरोपी है या नहीं और वह कहीं फरार तो नहीं हो गया."

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सोनी ने कहा जैसा कि स्टिंग की सीडी में दिखाया गया है कि वह व्यक्ति सहआरोपी और भाजपा सांसद अशोक अर्गल के आवास से फोन के जरिए समाजवादी पार्टी (सपा) के तत्कालीन महासचिव अमर सिंह से संपर्क कर रहा है. लेकिन पुलिस ने जानबूझकर इस अहम कड़ी को जांच से अलग कर दिया है.उन्होंने कहा, "पुलिस ने उस व्यक्ति को न तो भगोड़ा दिखाया है और न ही उसका पता लगाने का प्रयास किया है. यदि उसका पता नहीं लगाया जा सकता तो यह मान लिया जाना चाहिए उसकी हत्या कर दी गई है ताकि पैसे का स्रोत रहस्य ही बना रहे."

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