भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के पांच दशकों की प्रमुख उपलब्धियां निम्न हैं.
1962: परमाणु ऊर्जा विभाग द्वारा अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए भारतीय राष्ट्रीय समिति का गठन किया गया. केरल स्थित थुम्बा इक्वेटोरियल रॉकेट लॉन्चिंग स्टेशन (टीईआरएलएस) पर काम शुरू हुआ.
1963: टीईआरएलएस से 21 नवम्बर को पहला साउंडिंग रॉकेट छोड़ा गया.
1965: थुम्बा में अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी केंद्र स्थापित किया गया.
1968: गुजरात के अहमदाबाद में प्रायोगिक उपग्रह संचार भू:केन्द्र स्थापति किया गया.
1969: परमाणु ऊर्जा विभाग के अंतर्गत 15 अगस्त को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का गठन हुआ.
1971: आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अतंरिक्ष केंद्र की स्थापना की गई.
1972: अंतरिक्ष विभाग (डीओएस) की स्थापना और इसरो को इसके अंतर्गत लाया गया. बंगलोर (बेंगलुरू) में इसरो अंतरिक्ष केन्द्र की स्थापना और अहमदाबाद में अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र की स्थापना की गई.
1979: भाष्कर:1 प्रयोगात्मक उपग्रह अंतरिक्ष में भेजा गया. रोहिणी उपग्रह के साथ उपग्रह प्रक्षेपण यान (एसएलवी:3) की पहली प्रायोगिक उड़ान. उपग्रह कक्षा स्थापित नहीं किया जा सका.
1980: एसएलवी:3 की दूसरी प्रायोगिक उड़ान सफल, रोहिणी कक्षा में स्थापित.
1981: एसएलवी:3 से रोहिणी कक्षा में स्थापित. प्रायोगिक भू स्थैतिकी उपग्रह एप्पल का प्रक्षेपण. तत्कालीन सोवियत संघ के रॉकेट से भाष्कर:2 का प्रक्षेपण.
1982: संचार उपग्रह इनसेट:1ए अमेरिकी रॉकेट द्वारा प्रक्षेपित.
1983: इनसेट:1बी के सफल प्रक्षेपण के साथ ही इंसेट श्रंखला स्थापित.
1984: भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा ने रूसी अंतरिक्ष स्टेशन सलयुत 7 में आठ दिन बिताए.
1987: एसआरओएसएस उपग्रह के साथ संवर्धित उपग्रह प्रक्षेपण यान (एएसएलवी) की पहली उड़ान विफल.
1988: रूसी रॉकेट से इंडियन रिमोट सेंसिंग (आईआरएस) उपग्रह आईआरए:1ए भेजा गया. एसआरओएसएस उपग्रह के साथ संवर्धित उपग्रह प्रक्षेपण यान (एएसएलवी) की दूसरी उड़ान विफल.
1991: आईआरएस:1बी का दूसरा प्रक्षेपण सफल.
1992: एएसएलवी ने सफलतापूर्वक एसआरओएसएस:सी उपग्रह को कक्षा में स्थापित किया. इनसेट श्रृंखला के पहले स्वदेश निर्मित उपग्रह इनसेट:2ए का सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया.
1993: आईआरएस:1ई को ले जा रहे ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) की पहली प्रायोगिक उड़ान विफल.
1994: एएसएलवी की चौथी उड़ान के साथ एसआरओएसएस:सी 2 अभियान सफल. पीएसएलवी ने सफलतापूर्वक आईआरएस:पी2 को कक्षा में स्थापित किया.
1996: पीएसएलवी ने आईआरएस:पी3 के साथ उड़ान भरी.
1997: आईआरएस:1डी के साथ पीएसएलवी की पहली पूर्ण उड़ान.
1999: पीएसएलवी ने विदेशी उपग्रहों को अंतरिक्ष में भेजना शुरू किया.
2001: भू तुल्यकालिक उपग्रह प्रक्षेपण यान (जीएसएलवी) के साथ जीसैट:1 उपग्रण का सफल प्रक्षेपण.
2002: पीएसएलवी ने कल्पना:1 उपग्रह प्रक्षेपित किया.
2004: जीएसएलवी की पहली पूर्ण उड़ान के द्वारा एडुसेट उपग्रह प्रक्षेपित.
2006: श्रीहरिकोटा में दूसरा उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र प्रयोग के लिए अधिकृत. पीएसएलवी के द्वारा काटरेसेट एवं हैमसेट भेजा गया.
2007: स्पेस कैप्स्युल रिकवरी एक्सपेरिमेंट द्वारा काटरेसेट एवं दो अन्य विदेशी उपग्रहों को सफलतापूर्वक भेजा गया.
2012: 100वें अंतरिक्ष अभियान के तहत पीएसएलवी फ्रांस एवं जापान के उपग्रहों को लेकर रविवार सुबह 9.51 बजे अंतरिक्ष के लिए रवाना हुआ.