एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने देश के व्यस्ततम माल ढुलाई तथा यात्री मार्गों पर रेल सेवा में सुधार के लिये भारत को 50 करोड़ डालर का ऋण मंजूरी किया है.
एडीबी ने बयान में कहा, ‘एशियाई विकास बैंक रेल सेवाओं में सुधार के लिये भारत को 50 करोड़ डालर तक का ऋण दे रहा है. एडीबी निदेशक मंडल ने रेलवे सेक्टर इनवेस्टमेंट प्रोग्राम (आरएसआईपी) के लिये वित्तीय सुविधा के तहत इसे मंजूरी दी है. यह ऋण कई किस्तों में दी जाएगी.’ अतिरिक्त रेल लाइनें बिछाने तथा मौजूदा सैकड़ों किलोमीटर ट्रैक का विद्युतीकरण किये जाने के साथ नई सिग्नल व्यवस्था लगाने के मकसद से यह कर्ज दिया जा रहा है.
एडीबी भारतीय रेलवे के परिचालन दक्षता में सुधार के लिये ‘एकाउंटिंग रिफार्म’ में भी मदद करेगा.
आरएसआईपी के तहत छत्तीसगढ़, उड़ीसा, महाराष्ट्र, कर्नाटक तथा आंध्र प्रदेश के माल ढुलाई तथा यात्री मार्गों में सुधार किया जाना है. इसके अलावा इसमें स्वर्णित चतुर्भुज गलियारा भी शामिल है जो चेन्नई, कोलकाता, मुंबई तथा नई दिल्ली को जोड़ेगा.
यह कर्ज 25 साल के लिये है. इसमें पांच साल की वृद्धि की जा सकती है. कार्यक्रम पर 1.1 अरब डालर का खर्च आने का अनुमान है. भारत सरकार 64.4 करोड़ डालर से अधिक राशि उपलब्ध कराएगी.
एडीबी के मुख्य परिवहन विशेषज्ञ हिरोकी यामागुची ने कहा, ‘परियोजना ऊर्जा दक्ष, सुरक्षित, विश्वसनीय तथा पर्यावरण अनुकूल रेल सेवा उपलब्ध कराने में मदद करेगी.’
उन्होंने कहा कि इससे प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से करीब 2.1 करोड़ लोग लाभान्वित होंगे. यह लाभ तीव्र यात्रा, कम लागत तथा बाजार तथा उत्पादन केंद्र से बेहतर जुड़ाव आदि के जरिये मिलेगा. वित्त वर्ष 2010-11 में भारतीय रेल से 7 अरब यात्रियों ने यात्रा की तथा 80 करोड़ टन माल ढुलाई की.