जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्सों से विवादास्पद सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून हटाये जाने का सेना द्वारा विरोध करने की रिपोर्ट के बीच सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह ने कहा है कि यह विषय गृह मंत्रालय के पास समीक्षाधीन है.
जनरल वीके सिंह ने कहा कि सेना ने पहले ही इस मुद्दे पर अपने विचार दे दिये हैं. उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह (कानून) समीक्षा के लिये गृह मंत्रालय के पास है. वे इस पर चर्चा कर रहे हैं और हमने अपना मत उन्हें बता दिया है. मैं इससे ज्यादा कुछ नहीं कहना चाहूंगा.’’
यह पूछे जाने पर कि नेशनल कांफ्रेंस नेता मुस्तफा कमाल ने कहा है कि 25 अक्तूबर को हुए ग्रेनेड विस्फोट की योजना सेना ने बनाई थी, इस पर जनरल वीके ने कहा, ‘‘जिस किसी भी ने यह बयान दिया है, मैं समझता हूं कि वह मेरी तरफ से किसी प्रतिक्रिया के काबिल नहीं है.’’
सेना इस आधार पर राज्य में इस कानून को बनाये रखने की दलील दे रही है कि यह आतंकवाद से निपटने के लिये जरूरी है.
इससे पहले जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा था कि राज्य के कुछ इलाकों से इस कानून की वापसी का उद्देश्य सेना की भूमिका को कम करना नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘सेना जम्मू कश्मीर में आतंकवाद निरोधी अभियान में आवश्यक रूप से बड़ी भूमिका निभा रही है.’’