केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री गुलाम नबी आजाद ने वीरवार को यहां आशा व्यक्त की है कि पटना में निर्माणाधीन अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की शाखा में इस साल मेडिकल कॉलेज की शुरुआत हो जाएगी और अगले वर्ष के शुरू में यह अस्पताल चालू हो जायेगा.
पटना के फुलवारी शरीफ इलाके में निर्माणाधीन एम्स की शाखा को देखने पहुंचे आजाद ने यहां संवाददाताओं से बातचीत में आशा व्यक्त की है कि पटना में निर्माणाधीन एम्स की शाखा में इस साल मेडिकल कॉलेज की शुरूआत हो जाएगी और अगले वर्ष तक यह अस्पताल पूर्ण रूप से काम करने लगेगा.
पटना में एम्स की शाखा के निर्माण को लेकर उन्होंने संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि इसका काम बहुत आगे बढ़ चुका है. फिर भी बचे हुए कार्य को शीघ्र पूरा करने के लिए लोगों को दिन रात काम करना होगा.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा पटना में एम्स के निर्माण कार्य के निरीक्षण के लिए स्थल भ्रमण और कार्य प्रगति को लेकर हाल में बुलाई गयी उच्चस्तरीय बैठक का जिक्र करते हुए आजाद ने कहा कि राज्य सरकार भी इसके शीघ्र निर्माण को लेकर गंभीर है और इस दिशा में मुख्यमंत्री की ओर से प्रयास जारी है.
देश के छह स्थानों पर खोले जाने वाले एम्स की शाखा की चर्चा करते हुए आजाद ने कहा कि इन निर्माणाधीन शाखाओं के निर्माण कार्य की समीक्षा के लिए वे स्वयं निर्माण स्थलों का दौरा कर रहे हैं. आजाद ने बताया कि अभी हाल में ही उन्होंने उड़ीसा में निर्माणाधीन एम्स की शाखा का निरीक्षण किया और इसके संबंध में पटना के बाद भोपाल जाएंगे. जननी सुरक्षा कार्यक्रम का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशु की मृत्यु के मामले अन्य देशों से भारत में अधिक है. इस कलंक को हमेशा को मिटाने के लिए उनका मंत्रालय दृढ़प्रतिज्ञ है.
आजाद ने बताया कि जननी सुरक्षा कार्यक्रम के लिए सभी राज्यों को पूरे साल के लिए अग्रिम के तौर पर राशि उपलब्ध करा दी गयी है और यह राज्य की जिम्मेदारी है कि वे राशि को अपने अस्पतालों को उपलब्ध कराए.
आजाद ने कहा कि इसके लिए उनके विभाग ने एक पायलट परियोजना की शुरू की है, जिसमें देश के सौ जिलों को शामिल किया गया है. इसमें बिहार के चार-पांच जिले भी हैं.
उन्होंने कहा कि इसके तहत मधुमेह, उच्च रक्तचाप, कैंसर रोगियों की कीमोथेरेपी और हृदय रोग की जांच का काम जिला स्तर पर शुरू किया गया है और प्रत्येक जिलों में सौ मरीजों के लिए एक-एक लाख रुपये की राशि उपलब्ध करायी गयी है.
आजाद ने कहा कि देश में बच्चों के टीकाकरण का काम सही ढंग से हो इसके लिए मदर ट्रैकिंग नाम योजना की शुरू की है, जिसके तहत टीका लगाये जाने वाले बच्चों के माता-पिता का टेलीफोन नंबर के साथ पता अंकित किया जाना अनिवार्य कर दिया गया है ताकि इसमें केवल खानापूर्ति नहीं की जा सके.
उन्होंने कहा कि एएनएम और जीएनएम के प्रशिक्षण के लिए बिहार में वर्ष 2010 से लेकर अब तक कुल 26 नर्सिग स्कूल खोले जाने की केंद्र सरकार ने अनुमति दी है.