पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे अब्दुल कलाम ने कुडानकुलम परमाणु उर्जा संयंत्र का समर्थन करते हुए कहा कि यह ‘सुरक्षित’ है और तमिलनाडु की अर्थव्यवस्था के विकास के लिए इसकी जरूरत है. हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि वह वार्ताकार के रूप में यहां नहीं आए हैं.
कलाम ने कहा, ‘संयंत्र सभी पहलुओं से सुरक्षित है. इस संयंत्र की सुरक्षा को लेकर चिंतित होने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यह भूकंप की कम आवृति वाले क्षेत्र में है. यहां सुनामी का भी खतरा नहीं है, क्योंकि यह भूकंप केंद्र से 1300 किलोमीटर दूर है और समुद्र तल से 13.5 मीटर उपर है.’ परमाणु उर्जा की वकालत करने वाले कलाम संयंत्र की सुरक्षा से जुड़ी आशंकाओं को दूर करने के मिशन पर हैं. उन्होंने भारत-रूस संयुक्त उद्यम के वैज्ञानिकों और अभियंताओं के अलावा परमाणु उर्जा निगम के अध्यक्ष एस के जैन से भी बातचीत की.
कलाम की यात्रा ऐसे समय हुई है जब 13,600 करोड़ रुपये की परियोजना को लेकर गतिरोध बना हुआ है. इस संयंत्र की पहली इकाई को दिसंबर में चालू किया जाना था. अधिकारियों के अनुसार स्थानीय निवासियों के आंदोलन के कारण संयंत्र का निर्धारित कार्यक्रम प्रभावित हुआ है.
यह पूछे जाने पर कि क्या वह प्रदर्शनकारियों के साथ मध्यस्थता करेंगे, कलाम ने कहा कि वह इस उद्देश्य के लिए नहीं आए हैं. मैं यहां संयंत्र संबंधी सुरक्षा पहलुओं की जानकारी लेने आया हूं और मैं संबंधित अधिकारियों, समिति और सरकार को इसकी जानकारी दूंगा. कलाम ने हालांकि संयंत्र को लेकर लोगों द्वारा जतायी जा रही आशंकाओं को दूर करने की इच्छा व्यक्त की. संयंत्र के खिलाफ आंदोलन गैर.जरूरी है और संयंत्र से तमिलनाडु के विकास में काफी मदद मिलेगी.
उन्होंने कहा, ‘ लोगों को सरकार, विशेषज्ञों और संयंत्र बना रहे इंजीनियरों में भरोसा रखना चाहिए.’ कलाम ने एक दुर्घटना का जिक्र करते हुए कहा कि 1979 में रोहिणी उपग्रह की जांच के दौरान छह वैज्ञानिक घायल हो गए थे लेकिन वह उपग्रह तंत्र के लिए काम करने के प्रति और दृढ हो गए.
उन्होंने कहा कि इसी प्रकार लोगों को भी संयंत्र की सुरक्षा और अधिकारियों के आश्वासन में भरोसा रखना चाहिए.
कलाम ने कहा कि संयंत्र की सुरक्षा के लिए सभी पहलुओं पर विचार किया गया है. बिजली नहीं होने की स्थिति में जेनरेटर के भी नाकाम रहने पर आटोमेटिक कूलिंग का प्रावधान किया गया है. इसके साथ ‘ डबल वाल ‘ सुरक्षा जैसे प्रावधान भी किए गए हैं.
कलाम ने कहा कि वह आश्वस्त हैं कि संयंत्र की स्थापना से आसपास के पर्यावरण को भी कोई नुकसान नहीं होगा. उन्होंने कहा कि रेडियोधर्मिता की आशंका को देखते हुए ‘ बाथ टब ‘ जैसी सुविधा का भी प्रावधान किया गया है. इससे रेडियोधर्मिता की समस्या समाप्त हो जाएगी और संयंत्र के अंदर एवं बाहर कर्मी 100 प्रतिशत सुरक्षित हैं.
यह पूछे जाने पर कि क्या विदेशी मिशनरी संयंत्र के खिलाफ स्थानीय लोगों को उकसा रहे हैं, कलाम ने कहा, ‘ मेरे महान शिक्षकों ने मुझे किसी पर शक नहीं करने की सीख दी है.