एक नई किताब में कहा गया है कि विशिष्ट पहचान योजना का इस्तेमाल गरीबों को लूट से बचाने और अमीरों को भ्रष्टाचार से रोकने के लिये प्रभावी तरीके से किया जा सकता है.
योजना को प्रभावी बनाने की जरूरत
पत्रकार और विश्लेषक शंकर अय्यर ने अपनी किताब ‘एक्सीडेंटल इंडिया: ए हिस्ट्री ऑफ द नेशन्स पासेज थ्रू क्राइसिस एंड चेंज’ में लिखा, ‘गरीबों को लूट से बचाने और अमीरों को भ्रष्टाचार से रोकने के लिये एक तरीका विशिष्ट पहचान योजना को प्रभावी तरीके से अमल में लाना है.’
नेशनल डाटाबेस बनाना मुमकिन
शंकर अय्यर ने कहा, ‘हालांकि पहचान विकसित करने का यह एक बेहतरीन तरीका है, फिर भी यह साधारण नंबर आधारित पंजीकरण और बायोमेट्रिक पहचान है और इससे एक राष्ट्रीय डाटाबेस बनाया जा सकता है.’ अय्यर ने कहा कि इस डेटाबेस का इस्तेमाल भविष्य के सुधार के आधार के रूप में किया जा सकता है. इसमें विपणन सेवाओं से लेकर गरीबों को नकद हस्तातंरण शामिल है.