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आजतक को 11वीं बार बेस्‍ट हिंदी न्यूज चैनल का अवॉर्ड

दर्शकों के भरोसे पर फिर खरा उतरा है आजतक. आजतक को लगातार ग्यारहवीं बार सर्वश्रेष्ठ हिंदी न्यूज चैनल का आईटीए अवॉर्ड मिला है. जबकि हमारे सहयोगी चैनल हेडलाइंस टुडे को भी दो अवॉर्ड मिले हैं.

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आजतक सर्वश्रेष्‍ठ
आजतक सर्वश्रेष्‍ठ

आजतक ने रचा है इतिहास. आजतक को लगातार 11वीं बार देश के सर्वश्रेष्ठ न्यूज चैनल का आवार्ड मिला है, और 11वीं बार आप ने हमें ये यकीन दिलाया है कि खबरों के लिए आज भी आपकी पहली पसंद आजतक ही है. सर्वश्रेष्ठता के इस इतिहास की तस्दीक करते हैं वो आंकड़े जिनमें हर बड़ी खबर पर पूरे देश ने आजतक को देखा. यानी देश की खबर पर देश का चैनल आजतक.

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आजतक 11वर्षों से सर्वश्रेष्‍ठ

अयोध्या विवाद पर फैसला, ओबामा की भारत यात्रा, पश्चिम बंगाल चुनाव के फैसले, क्रिकेट विश्वकप, रामदेव का अनशन, अन्ना का अनशन, मुंबई ब्लास्ट और जनता के सरोकार से जुड़ी तमाम घटनाओं को आपतक पहुंचाने में आजतक नंबर-1 रहा है. एक बार फिर आजतक दर्शकों के भरोसे की कसौटी पर खरा उतरा है और चैनल अपने दर्शकों से वायदा करता है कि वो उनके भरोसे को आगे भी यूहीं कायम रखेगा.

आजतक के सहयोगी चैनल हेडलाइन्स टुडे को भी दो अवार्ड मिले हैं. हेडलाइन्स डुडे को मिला बेस्ट करंट अफेयर शो का अवार्ड जबकि कोयल पुरी को मिला बेस्ट एंकर टॉक-चैट शो का अवार्ड ऑन द काउच विद कोयल शो के लिए. शो की जिंदादिल होस्ट हैं कोयल पुरी, जो पूरे जोश के साथ अपने महमान से बात करती हैं. इस शो की सबसे बड़ी खासियत है इसका निराला अंदाज़.

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कैलाश पर्वत से लेकर ग्लैमरस स्टूडियो तक कोयल का चटक लाल काउच हर जगह पहुंच जाता है. दुनिया भर में मशहूर तमाम शख्स और शख्सियतें ऑन द काउच विद कोयल में मेहमान बनकर आते हैं जहां इन जानेमाने चेहरों के पीछे के असली चेहरे सामने आते हैं. हेडलाइन्स टुडे को एक और अहम अवार्ड मिला है- बेस्ट करंट अफेयर शो का. हेडलाइन्स टुडे हमेशा से देश और विचारों से जुड़े मुद्दों को एक नए सिरे से उठाता रहा है और पत्रिकारिता का यही रुख लोगों को पसंद भी आ रहा है.

इस मौके पर टुडे ग्रुप के चेयरमैन व एडीटर इन चीफ अरुण पुरी ने कहा, 'मुझे खुशी है कि हेडलाइंस टुडे को ये सम्मान मिला है. खबरों की दुनिया में हेडलाइंस टुडे के काम को पहचान मिली है. बेस्ट चैट शो और बेस्ट एंकर शो लिए हेडलाइंड टुडे वाकई इस सम्मान का हकदार है.

हेडलाइन्स टुडे के एक्ज़ेक्यूटिव एडिटर राहुल कंवल ने नवंबर 2010 में पेश किया एक ऐसा मुद्दा जिसपर सबकी नज़रें टिकी थीं. विषय था 'क्‍वेश्चन ऑफ जर्नो एथिक्‍स', तलाश थी पत्रिकारिता की नैतिकता पर उठनेवाले सवालों के जवाब की. राहुल कंवल के साथ वीर संघवी के इस बहस और बातचीत ने नैतिकता से जुड़े कई सवालों को झकझोर कर रख दिया. ज़ाहिर है नई सोच, नया नज़रिया जब नई राह की खोज में निकलते हैं, तो फिर विचारों की एक पूरी नई पीढ़ी सामने आती है और हेडलाइन्स टुडे अपने इस प्रयोग में सबसे आगे है.

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