सीबीआई की एक विशेष अदालत ने आरुषि-हेमराज हत्याकांड में तलवार दंपति की उन दो याचिकाओं को गुरुवार को खारिज कर दिया, जिनमें डीएनए संबंधी रिपोर्ट पेश करने का अनुरोध किया गया था.
अदालत ने कहा कि 14 अगस्त को इसी तरह की याचिका इस आधार पर खारिज की जा चुकी है कि इन दस्तावेजों की कोई जरूरत नहीं है. अदालत ने सीबीआई की वह याचिका भी खारिज कर दी जिसमें केन्द्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला के वरिष्ठ वैज्ञानिक बीपी महापात्रा से जिरह की अनुमति मांगी गई थी.
इस याचिका में सीबीआई ने साथ ही आश्वासन दिया था कि जिरह दो दिन में पूरी कर ली जाएगी. यह तीसरी बार है जब इस मामले में जिरह टाली गई है. फोरेंसिक विशेषज्ञ से जिरह पूरी होने के बाद अभियोजन पक्ष को उच्चतम न्यायालय के निर्देश के अनुसार 17 सितंबर से पहले 13 और गवाहों से पूछताछ करनी होगी.
सीबीआई के वकील आरके सैनी ने अदालत से कहा कि उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार, आरोपियों को गवाहों से जिरह के दौरान सभी मामलों में अभियोजन के साथ सहयोग करना चाहिए ताकि निचली अदालत जिरह पूरी करने के लिए बचाव पक्ष को निर्देश दे सके.
सीबीआई ने कहा कि सुनवाई में कई वरिष्ठ वकील प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और कई कनिष्ठ वकील उनकी मदद कर रहे हैं जो जानबूझकर फोरेंसिक विशेषज्ञ से जिरह पूरी नहीं होने दे रहे हैं जबकि यह विशेषज्ञ नियमित रूप से अदालत में सुबह दस बजे से शाम साढे चार बजे तक मौजूद रहते हैं.