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आरूषि मामले पर सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट पर सुनवाई कल

आरूषि तलवार हत्याकांड में सीबीआई द्वारा दाखिल क्लोजर रिपोर्ट पर एक विशेष अदालत सोमवार को सुनवाई करेगी. इस सनसनीखेज मामले में आरूषि के पिता को संदिग्ध बताया गया है, लेकिन पर्याप्त सुबूतों के अभाव में उनके खिलाफ अभियोग चलाने में असमर्थता जताई गई है.

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आरूषि तलवार हत्याकांड में सीबीआई द्वारा दाखिल क्लोजर रिपोर्ट पर एक विशेष अदालत सोमवार को सुनवाई करेगी. इस सनसनीखेज मामले में आरूषि के पिता को संदिग्ध बताया गया है, लेकिन पर्याप्त सुबूतों के अभाव में उनके खिलाफ अभियोग चलाने में असमर्थता जताई गई है.

सीबीआई ने करीब ढाई वर्ष की जांच के बाद 29 दिसंबर को इस मामले की क्लोजर रिपोर्ट अदालत में लगाई. अदालत को यह फैसला करना है कि वह इस क्लोजर रिपोर्ट को स्वीकार कर ले या सीबीआई को मामले की दोबारा जांच करने को कहे.

मामले को बंद करने संबंधी अपनी रिपोर्ट में सीबीआई ने आरूषि के डाक्टर माता पिता के तीनों नौकरों कृष्णा, राज कुमार और विजय मंडल को बेदाग करार दिया, जबकि तलवार दंपति पर उंगली उठाई. हालांकि उन दोनो ने इस आरोप से इंकार किया.

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इस संबंध में नुपूर तलवार ने कहा, ‘इस क्लोजर रिपोर्ट के बारे में मैं सिर्फ यह कह सकती हूं कि सीबीआई ने हमपर उम्र भर का दाग लगा दिया. उन्होंने बिना किसी प्रमाण के हम पर तमाम तरह के झूठे आरोप लगाए.’ उन्होंने कहा कि यह अवैज्ञानिक जांच है.

सीबीआई ने 30 पन्ने की अपनी रिपोर्ट में कहा कि उस अभागे दिन (16 मई 2008) जब नौकरानी आई तो नुपूर ने दरवाजा खोलने के लिए चाबियां दीं.

नौकरानी के बयान के मुताबिक उस समय तक नुपूर सामान्य थीं, लेकिन उसने जैसे ही दरवाजा खोला नुपूर ने उससे कहा कि देखो हेमराज ने 14 वर्ष की आरूषि के साथ क्या किया.

आरूषि की हत्या में इस्तेमाल किए गए हथियार की खोज के दौरान सीबीआई ने राजेश तलवार द्वारा दिए गए एक गोल्फ सेट की भी जांच की. सीबीआई ने अपनी क्लोजर रिपोर्ट में लिखा है, ‘ऐसा लग रहा था कि एक गोल्फ स्टिक को अच्छी तरह से साफ किया गया है..वह सेट की बाकी गोल्फ स्टिक से एकदम अलग दिख रही थी. ’’ रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘ हालांकि स्टिक्स पर किसी तरह का कोई द्रव्य अथवा खून नहीं पाया गया. ’
सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट के बारे में पूछे जाने पर राजेश तलवार ने कहा, ‘‘ अब हम अदालत जा रहे हैं. मुझे अपने वकीलों से बात करनी होगी और हमें उम्मीद है कि अदालत हमारे साथ न्याय करेगी. ’’ सीबीआई ने मामले में तीन संदिग्धों राज कुमार, विजय मंडल और कृष्णा को गिरफ्तार किया था, लेकिन बाद में उन्हें छोड़ दिया.

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मामले का विस्तृत विवरण देते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि आरूषि के माता पिता और हेमराज के अलावा इस मामले का कोई गवाह नहीं है.

अपराधस्थल को उसी हालत में न छोड़े जाने की बात स्वीकार करते हुए सीबीआई ने कहा कि उस दिन रात साढ़े दस बजे तक तलवार के आवास पर सब कुछ काफी सामान्य था, जैसा वीडियो कैमरा देखकर लगता है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि आरूषि के पिता आधी रात तक इंटरनेट पर काम कर रहे थे. सीबीआई ने इस बात पर भी जोर दिया है कि इस बात की संभावना नहीं है कि हत्यारे ने लड़की को मारा और उसके बाद उसकी लाश को चादर से बांध दिया.

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि तलवार ने उत्तर प्रदेश की पुलिस को अपराधस्थल की जांच के लिए पर्याप्त समय देने की बजाय उनसे हेमराज के पीछे जाने को कहा. रिपोर्ट में यह दावा भी किया गया है कि राजेश हेमराज के शव को तुरंत पहचानने में भी असफल रहा.

रिपोर्ट के अनुसार मकान में किसी के जबर्दस्ती घुसने का भी कोई निशान नहीं मिला. यहां तक कि आरूषि के कमरे का दरवाजा भी होटल के कमरे जैसा था, जिसे अंदर और बाहर दोनो तरफ से खोला जा सकता था.

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एक जून 2008 को मामले की जांच का जिम्मा संभालने वाली सीबीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि आरूषि के कमरे की चाबियां उसकी मां के पास थीं. उसके अनुसार डाक्टर दंपति के नार्को और पोलीग्राफ परीक्षण भी ‘बेनतीजा’ रहे.

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