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सहकारिता मंत्री रामाधार सिंह का इस्तीफा मंजूर

बिहार के राज्यपाल देवानंद कुंवर ने सहकारिता मंत्री रामाधार सिंह का इस्तीफा मंजूर कर लिया.

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बिहार के राज्यपाल देवानंद कुंवर ने सहकारिता मंत्री रामाधार सिंह का इस्तीफा मंजूर कर लिया.

राजभवन सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री कार्यालय से भेजा गया सहकारिता मंत्री रामाधार सिंह का इस्तीफा राज्यपाल देवानंद कुंवर ने मंजूर कर लिया है. मुख्यमंत्री ने सहकारिता विभाग का अतिरिक्त प्रभार उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को दिया है.

उल्लेखनीय है कि बिहार के औरंगाबाद जिले में राममंदिर मामले को लेकर 1992 में भड़काउ भाषण देने के आरोप में एक स्थानीय अदालत द्वारा फरार घोषित भाजपा कोटे से सहकारिता मंत्री रामाधार सिंह ने बुधवार रात अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री आवास भेज दिया था. नीतीश कुमार के दिल्ली में होने के कारण उनके इस्तीफे के बारे में कोई फैसला नहीं हो सका था.

सिंह ने अपने आवास पर संवाददाताओं से कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के नेतृत्व पर कोई उंगली न उठे इसलिए मैंने पद से इस्तीफा दे दिया है. मैंने कानून का सम्मान करते हुए नैतिकता के आधार पर अपने पद से इस्तीफा दिया है.

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सिंह ने कहा कि पार्टी नेतृत्व की ओर से उन्हें इस्तीफा देने के लिए नहीं कहा गया था. विपक्ष को बोलने का कोई मौका नहीं मिले, इसलिए उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया है.

सिंह के खिलाफ औरंगाबाद जिले के मदनपुर थाने में 1992 में भड़काउ भाषण देने के आरोप में एक मामला दर्ज किया गया था. प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी ने 1995 में मामले में रामाधार सिंह को फरार घोषित किया था.

बीते 16 मई को मुख्यमंत्री के आवास पर मीडिया ने इस मामले को उठाया था लेकिन नीतीश कुमार ने इस पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया था. इसके बाद मुख्य विपक्षी दल राजद के शिष्टमंडल ने राज्यपाल देवानंद कुंवर को ज्ञापन सौंपकर रामाधार सिंह को बर्खास्‍त करने की मांग की थी.

रामाधार सिंह ने कहा कि अधिवक्ता की गलती के कारण यह मामला उनके संज्ञान में नहीं आया. इस कारण वह अदालत के समक्ष पेश नहीं हो सके और 1995 में भगोड़ा घोषित कर दिये गये.

उन्होंने कहा कि इस मामले को उन्होंने कभी छिपाया नहीं. पिछले साल विधानसभा चुनाव में निर्वाचन आयोग के समक्ष दायर किये गये शपथपत्र में भी 1992 के इस मामले का उल्लेख किया था. इस मामले में भादवि की धारा 188 और 153 ए के तहत मामला दर्ज हुआ था. सिंह ने कहा कि वह सबसे पहले इस मामले में अदालत से जमानत लेंगे और इसके बाद पार्टी नेतृत्व के निर्देश पर कार्य करेंगे.

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