कांग्रेस के जख्मों पर मरहम लगाते हुए समाजवादी पार्टी ने आज कहा कि द्रमुक द्वारा अपने मंत्रियों को मंत्रिमंडल से हटाने के फैसले के बावजूद केंद्र सरकार को कोई खतरा नहीं है क्योंकि पार्टी सरकार को अपना समर्थन जारी रखेगी.
समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह ने द्रमुक के निर्णय के बारे में पूछे जाने पर रविवार को लखनऊ में संवाददाताओं से कहा, ‘सरकार को कोई खतरा नहीं है. वह अल्पमत में नहीं है.’ उन्होंने कहा, ‘सपा का केन्द्र सरकार को समर्थन है और जारी रहेगा.’ लोकसभा में 22 सदस्यों वाली समाजवादी पार्टी क्या सरकार में शामिल होगी, इस सवाल को मुलायम सिंह यह कहकर टाल गए कि यह कपोल कल्पना है.
उन्होंने कहा, ‘सपा के सरकार में शामिल होने के बारे में कोई बातचीत नहीं चल रही.’ तमिलनाडु में कांग्रेस और द्रमुक के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर पैदा हुए गतिरोध पर ज्यादा तवज्जो न देते हुए मुलायम सिंह ने कहा कि यह कोई महत्वपूर्ण मामला नहीं है, ‘दोनो दलों के नेताओं के बीच बातचीत चल रही है. दरअसल कांग्रेस के नेता कल रात वहां पहुंचे और बातचीत कर रहे हैं. सीटों के बंटवारे और पदों को लेकर मतभेद हैं, लेकिन मामला सुलझाने के प्रयास किए जा रहे हैं.{mospagebreak}
उन्होंने कहा, ‘यह देखना होगा कि द्रमुक मंत्रियों के इस्तीफे को स्वीकार किया जाता है या नहीं. गठबंधन में ऐसी चीजें होती हैं.’
यह पूछे जाने पर कि सरकार में शामिल होने के बारे में क्या प्रधानमंत्री के साथ उनकी कोई बातचीत हुई, मुलायम सिंह ने कहा कि इस तरह की कोई बातचीत नहीं हुई. उन्होंने कहा, ‘हमारे बीच टेलीफोन पर अकसर बातचीत होती है. तीन दिन पहले प्रधानमंत्री ने मुझे फोन किया और कहा कि लोकसभा में गतिरोध और देश के सुरक्षा सहित कुछ मामलों पर उनसे बात करना चाहते हैं.’ दिल्ली में समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता और महासचिव मोहन सिंह ने कांग्रेस नीत संप्रग सरकार से द्रमुक मंत्रियों के हटने संबंधी फैसले को दोनो पार्टियों के बीच ‘शक्ति के बंटवारे की अंदरूनी लड़ाई’ बताया.
सिंह ने कहा, ‘मैं द्रमुक को 1980 से देख रहा हूं. वह सबसे बड़े सौदेबाज राजनीतिक दलों में से एक है. तो कुछ दिन में वह किसी सहमति पर पहुंच सकती है. इस समय हम सिर्फ मूक दर्शक की भूमिका निभा रहे हैं.’ सपा द्वारा सरकार का समर्थन करने की बात स्पष्ट करते हुए सिंह ने कहा कि पार्टी देश को इतनी जल्दी एक और आम चुनाव में झौंकना नहीं चाहती और वह कोई भी फैसला करते समय इस बात को जहन में रखेगी.
सिंह ने कहा, ‘हमने संप्रग 2 को मुद्दों पर आधारित समर्थन दिया है क्योंकि हम राजनीतिक अस्थिरता नहीं चाहते थे. हम नहीं चाहते कि हमारे जैसे एक गरीब देश को इतने भारी खर्च वाली चुनाव प्रक्रिया से बार बार गुजरना पड़े.’