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दिल्ली विस्फोट: एक सुर में सबने की निंदा

दिल्ली उच्च न्यायालय के बाहर बुधवार सुबह हुए विस्फोट की सभी ने एक सुर में निंदा की और कहा कि इस घड़ी में वे सरकार के साथ खड़े हैं. राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री सहित तमाम राजनीतिक दलों के नेताओं ने विस्फोट में मारे गए लोगों के परिजनों और घायलों के प्रति संवेदना और दोषियों को न्याय के कटघरे में खड़ा करने की प्रतिबद्धता जताई.

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पी. चिदम्बरम
पी. चिदम्बरम

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दिल्ली उच्च न्यायालय के बाहर बुधवार सुबह हुए विस्फोट की सभी ने एक सुर में निंदा की और कहा कि इस घड़ी में वे सरकार के साथ खड़े हैं. राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री सहित तमाम राजनीतिक दलों के नेताओं ने विस्फोट में मारे गए लोगों के परिजनों और घायलों के प्रति संवेदना और दोषियों को न्याय के कटघरे में खड़ा करने की प्रतिबद्धता जताई.

राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील: इस विस्फोट की हम निंदा करते हैं और बेगुनाहों की मौत पर शोक प्रकट करते हैं.

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह:

आतंकवाद के अभिशाप से निपटने के लिए सभी राजनीतिक दलों और भारतीय जनता को एकजुट होना होगा. मेरी सहानुभूति इस विस्फोट में जान गंवाने वालों के परिजनों और घायल होने वालों के साथ है. यह कायराना कृत्य है. हम इससे निपटेंगे. हम कभी भी आतंकवादियों के दबाव के समक्ष नहीं झुकेंगे. यह लम्बी लड़ाई है.

केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदम्बरम: दिल्ली आतंकवादी गुटों के निशाने पर है. आतंकवादी खतरों के बारे में खुफिया एजेंसियां दिल्ली पुलिस के साथ लगातार सूचनाएं साझा करती रही हैं. कुछ गुटों की ओर से आतंक फैलाने की खुफिया सूचना इस साल जुलाई में दिल्ली पुलिस से साझा की गई थी.

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पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी: संसद के पास इस तरह की घटना घटी है, हम सभी इसकी निंदा करते हैं. हम अपेक्षा करते हैं कि सरकार ने सदन को जो आश्वासन दिया है, वह अपनी एजेंसियों के जरिए इस घटना की जांच कराएगी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेगी. मैं नहीं जानता कि यह हमला 9/11 से कितना जुड़ा हुआ है. लेकिन आतंकवादी अक्सर ऐसी बातें सोचते हैं और ऐसे अवसरों पर इस तरह की हरकतें करते रहते हैं.

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष नितिन गडकरी: चिदम्बरम अपने राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाने की जगह अपनी ऊर्जा आतंकवाद के खतरे से निपटने में लगाएं. विस्फोट की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए और इसमें खुफिया एजेंसियों की विफलता पर गौर किया जाना चाहिए.

राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली: विस्फोट में मारे गए लोगों के परिजनों के प्रति हम अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं और घायलों के प्रति सहानुभूति जताते हैं. हमारे लिए आवश्यकता है कि हम एक सुर में बोलें और आतंकवाद की इस समस्या के हल के लिए अपने तंत्रों व ढांचागत सुविधाओं को मजबूत करें.

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के नेता सतीश चंद्र मिश्रा: इस घड़ी में हम सभी सरकार के साथ हैं और उसके हर कदम का समर्थन करते हैं. आतंकवाद के खिलाफ हमें एकजुटता के साथ खड़ा होना ही होगा.

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मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के सीताराम येचुरी: आतंकवाद न तो धर्म जानता है और न जाति. इससे हमें मिलकर लड़ना होगा. आतंकवाद के खिलाफ सख्ती से पेश आना चाहिए.

ज्ञात हो कि दिल्ली उच्च न्यायालय के बाहर सुबह के व्यस्त समय में एक शक्तिशाली विस्फोट हुआ. मुम्बई में नवम्बर 2008 में हुए आतंकवादी हमले के बाद से देश में यह तीसरा बड़ा बम विस्फोट था. केंद्रीय गृह सचिव आर.के. सिंह ने कहा कि विस्फोट सुबह लगभग 10.30 बजे उच्च न्यायालय के गेट नम्बर पांच के बाहर हुआ. यह स्थान दिल्ली के इंडिया गेट के करीब है.

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