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आदर्श मामला: फाइल के बाद अब समूची हार्ड डिस्क गायब

सीबीआई ने आदर्श आवास घोटाले के मामले की सुनवाई कर रही एक अदालत से कहा कि इमारत के लिए नोट शीट तैयार करने में शहरी विकास विभाग के अधिकारियों द्वारा इस्तेमाल की गयी हार्ड डिस्क गायब है.

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सीबीआई ने आदर्श आवास घोटाले के मामले की सुनवाई कर रही एक अदालत से कहा कि इमारत के लिए नोट शीट तैयार करने में शहरी विकास विभाग के अधिकारियों द्वारा इस्तेमाल की गयी हार्ड डिस्क गायब है. साथ ही एजेंसी ने यह भी कहा कि वह राज्य सरकार के गिरफ्तार तीनों अधिकारियों का झूठ पकड़ने वाली मशीन से परीक्षण करवाने के बारे में विचार कर रही है.

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एजेंसी के इस ताजे खुलासे से कुछ ही दिन पहले यह पता चला था कि नई दिल्ली में पर्यावरण एवं वन मंत्रालय से मामले से संबंधित एक महत्वपूर्ण फाइल गायब है. अदालत ने सभी आरोपियों की सीबीआई हिरासत की अवधि को 18 मई तक बढ़ा दिया. सभी आरोपियों ने जमानत याचिका दाखिल की है और सीबीआई द्वारा उन पर 18 मई को जवाब दिये जाने की संभावना है.

सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘तीनों अधिकारी पूछताछ के दौरान अपने जवाब में बातों को छिपा रहे हैं. लिहाजा हम उनका पॉलीग्राफ टेस्ट करवाने की योजना बना रहे हैं. हम इस मकसद से अनुमति लेने के लिए अदालत में अर्जी दाखिल कर सकते हैं.’ मामले के सिलसिले में दस दिन पहले सीबीआई ने महाराष्ट्र के तीन सरकारी अधिकारियों को गिरफ्तार किया था.

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जांच एजेंसी ने मजिस्ट्रेट की अदालत को बताया कि आरोपियों की जानकारी के आधार पर मंत्रालय में उन नौ कंप्यूटरों की पहचान की गयी जो आदर्श सोसाइटी की विभिन्न नोटिंग और पत्राचार में इस्तेमाल किये जाते थे. एजेंसी ने बताया कि मंत्रालय के लिपिक ने एक अन्य कंप्यूटर की पहचान की थी. पाया गया कि उस कंप्यूटर में हार्ड डिस्क ही नहीं है.

सीबीआई ने कहा कि आरोपियों से पूछताछ की जरूरत है ताकि हार्ड डिस्क का पता लगाया जा सके. सभी आरोपी राज्य शहरी विकास विभाग के हैं. इनमें डेस्क अधिकारी गुरूदत्त वाजपे, सहायक टाउन प्लानर एन एन नारवेकर और प्रमुख सचिव के लिपिक वामन रावुल शामिल हैं.

बचाव पक्ष के वकीलों ने कहा कि हार्ड डिस्क का पता लगाने के लिए आरोपियों की सीबीआई हिरासत की जरूरत नहीं है और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजा जाना चाहिए. बहरहाल, अदालत ने सभी आरोपियों की सीबीआई हिरासत को 18 मई तक बढ़ा दिया.

इस बीच, बंबई उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद लापता फाइल के सिलसिले में मामला दर्ज करने वाली सीबीआई ने शहरी विकास विभाग के प्रमुख सचिव टी सी बेंजामिन से भी भी पूछताछ की. सीबीआई अधिकारी ने कहा, ‘बेंजामिन रामानंद तिवारी के बाद प्रमुख सचिव बने थे.

तिवारी घोटाले के मुख्य मामले के गवाहों में शामिल है. बेंजमिन ने भी आदर्श फाइल पर गौर किया था. इसी वजह से उनसे पूछताछ की गयी.’ दक्षिणी मुंबई में 31 मंजिला आदर्श आवास समिति में हुए भ्रष्टाचार के आरोपों में सीबीआई नौकरशाहों और रक्षा अधिकारियों के खिलाफ जांच कर रही है.

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