महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण सहित 14 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने के लगभग साल बीत जाने के बाद सीबीआई आदर्श हाउजिंग सोसाइटी घोटाला मामले में आठ सप्ताह के भीतर आरोपपत्र दायर करेगी.
सीबीआई के अधिवक्ता डी एन साल्वी ने बम्बई उच्च न्यायालय को इसकी जानकारी दी. अदालत सामाजिक कार्यकर्ताओं की ओर से दायर जनहित याचिकाओं की सुनवायी कर रही थी जिसमें अदालत से इस मामले की जांच की निगरानी करने का अनुरोध किया गया था. इस मामले में चार व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है जिसमें सोसाइटी से संबंधित महत्वपूर्ण फाइलें शहरी विकास विभाग से गुम हो गई हैं.
रक्षा मंत्रालय ने इस मामले की जांच सीबीआई को मामले की जांच सौंपी थी. सीबीआई ने 29 जनवरी को रक्षा अधिकारियों और नौकरशाहों सहित 14 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की. रक्षा मंत्रालय ने मुम्बई के कालाबा स्थित इस भूमि के स्वामित्व का दावा किय है जिस पर 31 मंजिला इमारत खड़ी है.
सोसाइटी सदस्यों के वित्तीय स्रोत की जांच करने वाले आयकर विभाग ने अदालत को सूचित किया कि कई सदस्यों की ओर से किये गए निवेश का पुनर्मूल्यांकन जारी है. आयकर विभाग के वकील सुरेश कुमार ने कहा, ‘कई सदस्यों को संवीक्षा नोटिस जारी किये गए हैं. नौ सदस्यों ने अपने निवेश के स्रोत बता दिये हैं. अन्य सदस्यों के निवेश स्रोत का पुनर्मूल्यांकन जारी है.’
न्यायमूर्ति एस के बोबाडे ने आयकर विभाग को निर्देश दिया कि वह सूचना को सीबीआई से साझा करे ताकि जांच एजेंसी भी कथित बेनामी आदान प्रदान की प्रभावी ढंग से जांच कर सके. अदालत ने इसके साथ ही प्रवर्तन निदेशालय को निर्देश दिया कि वह अगली सुनवायी 14 फरवरी को उसे बताये कि इस मामले में धनशोधन रोकथाम कानून की क्या प्रासंगिकता है.