जम्मू कश्मीर से सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून को हटाये जाने के प्रस्ताव का विरोध करते हुए वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं किया जाना चाहिये जिससे सशस्त्र बलों की स्थिति कमजोर हो.
हालांकि आडवाणी ने कहा कि इस कानून के मणिपुर से हटाये जाने का मामला बनता है और उस पर विचार किया जा सकता है. उन्होंने कहा, ‘जहां तक जम्मू-कश्मीर की बात है तो मैं नहीं समझता हूं कि इस कानून को वहां से हटाये जाने की जरूरत है. ऐसा कुछ भी नहीं किया जाना चाहिये जो सशस्त्र बलों की स्थिति को कमजोर करता हो.’ प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर हमला बोलते हुए आडवाणी ने इस बात पर कड़ा ऐतराज जताया कि भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते समय गठबंधन धर्म उनके रास्ते में आ जाता है.
आडवाणी ने कहा, ‘गठबंधन धर्म केवल नीतिगत मामलों में मायने रखता है न कि ईमानदारी के मामले में.’ राजग गठबंधन सरकार के दिनों की याद करते हुए आडवाणी ने कहा कि उनकी सरकार ने नये राज्यों का गठन बिना किसी समस्या कर दिया था लेकिन तेलंगाना का मामला स्थगित कर दिया गया था क्योंकि सभी सहयोगी दलों में आम सहमति की जरूरत थी.
आडवाणी ने कहा, ‘राजग जब सत्ता में थी उस समय मेरी पार्टी तेलंगाना राज्य के समर्थन में थी लेकिन हमारे सहयोगी इसके पक्ष में नहीं थे.’ भाजपा ने सरकार की मुद्रास्फीति की बढ़ती दर पर लगाम लगाने में विफल रहने पर भी आलोचना की जिसके कारण जीवन की बुनियादी सुविधाएं जुटाना भी दूभर हो गया है.